लखनऊ। यूपी में चुनावी सरगर्मियों के बीच सनसनीखेज डकैती की वारदात हुई है। पुलिस कोतवाली ने मात्र 100 मीटर की दूरी पर 8 हथियारबंद डाकुओं ने एक सर्राफा कारोबारी पर हमला किया। ज्वैलरी व 1.15 करोड़ रुपये नकद दो बोरों में समेट लिये। कारोबारी पर पिस्टल से वार किया एवं उसके बेटे के पैर में गोली मार दी। सारी वारदात मात्र 4 मिनट में हुई। इसके बाद डकैत आसानी से चले गए।
सबको ले लिया गन प्वांट पर
चौक के पीर बुखारा निवासी प्रवीण रस्तोगी की चौक सर्राफा बाजार में मुकुल ज्वैलर्स नाम से होलसेल ज्वैलरी की दुकान है। रविवार शाम दुकान में उनका बेटा जीतांशु, कैशियर सीताराम, सेल्समैन दिलीप, सिद्धू, शंकर और आशीष कुमार मिश्रा मौजूद थे। कैशियर सीताराम के मुताबिक, रात करीब 8.45 बजे आठ बदमाश दुकान में घुस आए। एक बदमाश ने हेलमेट पहन रखा था जबकि, बाकी के चेहरे पर कपड़ा बंधा हुआ था। सभी बदमाशों ने हाथों में पिस्टल व रिवॉल्वर ले रखी थी। दुकान में घुसते ही बदमाशों ने सभी को गन प्वाइंट पर ले लिया। बदमाशों ने सभी नौकरों को सीढि़यों के नीचे स्थित कैश बॉक्स के बगल में औंधे मुंह बिठा दिया और दुकान में रखी सोने की ज्वैलरी समेटकर बोरे में भरने लगे।
देते रहे गोली मारने की धमकी
सीताराम ने बताया कि एक बदमाश उन लोगों पर और दूसरा बदमाश प्रवीण और जीतांशु पर पिस्टल ताने रहा। जबकि, बाकी छह बदमाश बोरों में सोने की ज्वैलरी भरते रहे। सीताराम के मुताबिक, दुकान में मौजूद करीब 40 किलो सोने की ज्वैलरी समेट लेने के बाद बदमाशों ने सीढि़यों के नीचे रखी 1.15 करोड़ रुपये की नकदी समेटकर बोरे में भर ली। इस दौरान बदमाश उन्हें किसी भी हरकत पर गोली मारने की धमकी देते रहे। अखिलेश ने बताया कि रकम भरने के बाद बदमाश बाहर की ओर निकलने लगे। इसी बीच प्रवीण और जीतांशु ने एक बदमाश को पकड़ने की कोशिश की। लेकिन, दूसरे बदमाश ने पिस्टल की बट से प्रवीण के सिर पर वार कर दिया। जिससे उनका सिर फट गया और वह लहूलुहान होकर वहीं जमीन पर धराशायी हो गए। जबकि, एक अन्य बदमाश ने फायरिंग कर दी। गोली जीतांशु के दाहिने पैर में लगी और वह भी गली में गिर पड़े।
नौकर ने किया पीछा
गोली चलने की आवाज सुनकर सीढि़यों के नीचे मौजूद नौकर अखिलेश भागकर बाहर पहुंचा। तब तक बदमाश गलियों से होते हुए वहां से भाग निकले। अखिलेश ने बताया कि उसने शोर मचाते हुए बदमाशों का पीछा किया लेकिन, बदमाशों ने उस पर फिर से पिस्टल तान दी। जिससे डर कर वह वहीं थम गया। इसके बाद बदमाश पार्क होते हुए वहां से पैदल ही भाग निकले। इधर, गोली चलने की आवाज सुनकर आसपड़ोस के व्यापारी वहां इकट्ठा हो गए। उन्होंने घायल प्रवीण और जीतांशु को फौरन इलाज के लिये ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया और पुलिस को घटना की सूचना दी। राजधानी के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी डकैती की सूचना मिलने पर पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। जानकारी मिलने पर डीआईजी प्रवीण कुमार त्रिपाठी, एसपी पश्चिम जयप्रकाश, सीओ चौक राधेश्याम राय भारी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। खबर लिखे जाने तक पुलिस को तहरीर नहीं मिल सकी थी।
तलाश रहे थे DVR
नौकर अखिलेश ने बताया कि बदमाश सबको गन प्वाइंट पर लेने के बाद आपस में बात कर रहे थे कि सीसीटीवी कैमरों का डीवीआर (डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर) निकालकर साथ ले चलो। दो बदमाशों ने डीवीआर तलाशा भी लेकिन, न मिलने पर वे हड़बड़ी में फिर से ज्वैलरी व रकम समेटने लगे। डीआईजी प्रवीण कुमार त्रिपाठी ने बताया कि दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज व आसपास की दुकानों में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को कब्जे में लेकर पड़ताल की जा रही है।
छोड़ गए ज्वैलरी
बदमाशों का पीछा करने वाले नौकर अखिलेश ने बताया कि बदमाश इतना हड़बड़ाए हुए थे कि उनका ज्वैलरी व रुपयों से भरा एक बोरा जमीन पर गिर पड़ा। जिसे वह फिर से उठाकर भागे। हालांकि, इस दौरान थोड़ी सोने की ज्वैलरी वहीं गली में गिर पड़ी। जिसे उसने बदमाशों के फरार होने के बाद बटोरी और वापस लौट आया।
पहले से थी खबर
जांच में जुटी पुलिस टीमों ने शुरूआती जांच के बाद बताया कि बदमाशों को दुकान में मौजूद लोग और वहां रखे माल के बारे में पूरी जानकारी थी। यही वजह है कि बदमाशों ने महज 15 मिनट में पूरी वारदात को अंजाम दे डाला और मौके से फरार भी हो गए। पुलिस को शक है कि सर्राफ पिता- पुत्र का कोई करीबी या फिर नौकर बदमाशों से मिला हो सकता है, जिसने उन्हें सारी जानकारी मुहैया कराई। डीआईजी ने बताया कि सभी नौकरों से पूछताछ की जा रही है। साथ ही उनके मोबाइल नंबर्स की सीडीआर निकलवाई जा रही है।
डीआईजी से भिड़े व्यापारी
वारदात की जानकारी मिलने पर डीआईजी प्रवीण कुमार त्रिपाठी मौके पर पहुंचे। उन्हें देखते ही व्यापारी भड़क उठे और लचर सुरक्षा व्यवस्था पर रोष जताने लगे। व्यापारियों का कहना था कि जब कोतवाली से महज 100 मीटर की दूरी पर सरेशाम इस दुस्साहसिक वारदात को अंजाम देने के बाद बदमाश आसानी से फरार हो गए तो दूरदराज के इलाकों में सुरक्षा का क्या हाल होगा। डीआईजी त्रिपाठी ने नाराज व्यापारियों को समझाने की भरपूर कोशिश की पर, वे कुछ भी सुनने को तैयार न हुए। आखिरकार डीआईजी बदमाशों को जल्द अरेस्ट करने का आश्वासन देकर वहां से वापस लौट गए।
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शुरुआती जांच के बाद हमें कुछ सुराग हाथ लगे हैं। मामले की जांच में क्राइम ब्रांच को भी लगाया गया है। वारदात को अंजाम देने वाले अपराधी जल्द गिरफ्त में होंगे।
प्रवीण कुमार त्रिपाठी
डीआईजी, लखनऊ रेंज