मु्ंबई। बांबे हाइकोर्ट ने शुक्रवार को गूगल और यू ट्यूब को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए उससे जवाब तलब कर दिया है। कोर्ट उस वीडियो को लेकर नाराज था जिसमें कोर्ट परिसर की कार्यवाही को कैमरे में कैद करके यू ट्यूब पर डाल दिया गया। इससे पूर्व कोर्ट ने यू ट्यूब को वो वीडियो हटाने के लिए कहा था जिसमें एक जज के स्टिंग ऑपरेशन की बात कही गई थी।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार बांबे हाइकोर्ट की डिविजन बेंच के जस्टिस एएस ओका और जस्टिस अनुजा प्रभुदेसाई बांबे बार एसोसिएशन द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। याचिका में उस व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई थी जिसने कोर्ट के अंदर की कार्यवाही को रिकार्ड करके उसकी वीडियो यू ट्यूब पर डाल दी थी। वीडियो में हाइकोर्ट के जज जस्टिस एसजे काठावाला पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे।
वीडियो डालने वाले व्यक्ति को भी नोटिस
इससे पूर्व कोर्ट वीडियो डालने व्यक्ति को कोर्ट की अवमानना का नोटिस जारी कर चुकी थी। कोर्ट ने बताया कि वह इस मामले में शामिल रहे एक अधिवक्ता के खिलाफ 22 फरवरी को सुनवाई भी करेगी। वरिष्ठ अधिवक्ता रफीक दादा ने बताया कि 38 मिनट के इस वीडियो को बीते सप्ताह यू ट्यूब के एक समाचार चैनल पर भी प्रदशित किया गया। जिसमें एक एंकर को कुछ लोगों का इंटरव्यू लेते हुए दिखाया गया है, इसमें एक वकील से भी बातचीत की गई है। वीडियो में इसी हाइकोर्ट के कुछ जजों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी भी की गई हैं।
यूट्यूब के खिलाफ कार्रवाई से इंकार
राज्य के महाधिवक्ता रोहित देव ने मामले में दस लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की सहमति तो दे दी थी लेकिन यू ट्यूब के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई से इंकार कर दिया था। वहीं वरिष्ठ वकील रफीक ने कोर्ट से इस पर स्वतः संज्ञान लेने की मांग की थी।