OMG! विजन डॉयग्नोस्टिक सेंटर ने पुरुष के शरीर में यूट्रस बता दिया

दुर्ग/भिलाई। इस मामले में डॉयग्नोस्टिक के संचालन में चलने वाले घोटाले को खोलकर रख दिया है। आरोप लगते रहे ​हैं कि डॉयग्नोस्टिक सेंटर्स अयोग्य कर्मचारियों द्वारा संचालित किए जाते हैं। विशेषज्ञ केवल रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करते हैं। यहां अयोग्य कर्मचारियों ने ऐसी ही एक रिपोर्ट तैयार कर दी। पुरुष के शरीर में गर्भाशय और अंडाशय बता दिया। विशेषज्ञ ने बिना देखे हस्ताक्षर भी कर दिए। उपभोक्ता फोरम ने विजन डॉयग्नोस्टिक सेंटर पर 4 लाख रुपए हर्जाना किया है। इसके अलावा सेंटर को जांच के लिए ली गई शुल्क 600 रुपए को 9 फीसदी साधारण वार्षिक ब्याज समेत लौटाने और वाद व्यय के रूप में 10 हजार रुपए देने को कहा गया है।

प्रकरण के मुताबिक पंचशील कॉलोनी के अजय कुमार लहरी ने पेटदर्द और पेशाब में जलन की शिकायत पर पहले अंबिकापुर और फिर बाद में दुर्ग के चिकित्सकों से परामर्श लिया। आराम नहीं मिलने पर डॉक्टरों ने उन्हें अल्ट्रासोनिक जांच कराने की सलाह दी। प्रार्थी ने 8 जून 2015 को दुर्ग स्थित विजन डॉयग्नोस्टिक सेंटर गया। वहां 600 रुपए शुल्क देकर अपने पेट की अल्ट्रासोनिक जांच कराई। संस्था के संचालक डॉ दिलीप सोनी ने जांच के बाद बताया कि उसके पेट में गर्भाशय विकसित हो गया है। इसकी वजह से उसे परेशानी हो रही है। पेट में किसी और तरह की खराबी नहीं है। 

दूसरे सेंटर में कराई जांच तो मामले का हुआ खुलासा 
पुरुष के पेट में महिलाओं के आर्गन्स होने की जानकारी मिलने पर प्रार्थी को मानसिक परेशानी हुई। इसकी जानकारी डॉक्टरों को दी तो उन्हें दूसरी संस्था में जांच कराने के लिए कहा गया। इस पर वे सुरभि डॉयग्नोस्टिक सेंटर में फिर से जांच कराई। इसमें बताया कि प्रार्थी के दाहिनी किडनी में 4-5 मिमी लंबी पथरी है। इसी वजह से उसे परेशानी हो रही है। परेशानी की वजह से फोरम में याचिका लगाई। 

संचालक ने स्वीकारी गलती फोरम को दिया जवाब 
फोरम में जवाब देते समय विजन डॉयग्नोस्टिक सेंटर के संचालक ने अपनी गलती स्वीकार की। कहा कि जल्दबाजी में स्टॉफ ने गलत रिपोर्ट उनके सामने रखी। वे भी उसे जल्दबाजी में देख नहीं पाए और उसमें हस्ताक्षर कर दिया। बाद में कंप्यूटर में प्रार्थी की रिपोर्ट देखने पर गलती का एहसास हुआ। उसकी रिपोर्ट के आगे एफ लिखा हुआ था। वह किसी अन्य महिला की रिपोर्ट थी। 

फोरम ने सुनाया फैसला 
जिला उपभोक्ता फोरम अध्यक्ष मैत्रेयी माथुर और सदस्य राजेन्द्र पाध्ये ने विजन डॉयग्नोस्टिक सेंटर के संचालक, डॉ. दिलीप सोनी और यूनाईटेड इंडिया बीमा कंपनी लिमिटेड के शाखा प्रबंधक को आदेश दिनांक से भुगतान दिनांक तक 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से 600 सौ रुपए तथा मानसिक क्षतिपूर्ति के तौर पर 4 लाख रुपए और वाद व्यय के रुप में दस हजार रुपए अदा करने का निर्देश दिया है। 

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