नई दिल्ली। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव श्री सी के मिश्रा ने आज यहां राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरकेएसके) के एक हिस्से के रुप में किशोर वय के लड़कियों एवं लड़कों के लिए ‘साथिया’ रिसोर्स किट एवं ‘ साथिया सलाह ’ मोबाइल ऐप लांच किया। इस कार्यक्रम के तहत एक प्रमुख कदम पीयर एजुकेटर्स (साथिया) की प्रस्तुति है जो किशोर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए मांग का सृजन करने के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में काम करता है तथा उनके समकक्ष समूहों में प्रमुख किशोर स्वास्थ्य मुद्दों पर उम्र से संबंधित उपयुक्त ज्ञान प्रदान करता है। साथियों को ऐसा करने में सुसज्जित करने एवं उन्हें इसके लिए सक्षम बनाने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने ‘साथिया’ रिसोर्स किट (‘साथिया’ सलाह मोबइल ऐप) लांच किया।
रिसोर्स किट एवं मोबाइल ऐप को प्रस्तुत करते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव श्री सी के मिश्रा ने कहा कि हमारे देश में 253 मिलियन किशोर लड़कियां एवं लड़के हैं जो कि संख्या के लिहाज से विश्व में सर्वाधिक है और जब दुनिया भर में आरएमएनसीएच लांच किया गया तो भारत ‘+A’ अर्थात आरएमएनसीएच में किशोर संघटक जोड़ने वाला पहला देश था जिसने इसे आज का आरएमएनसीएच +A प्रोग्राम बना दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि किशोर लड़कियां एवं लड़के देश की महत्वपूर्ण संपत्ति हैं जो भविष्य में देश की अर्थव्यवस्था के सबसे बड़े लाभदायकहिस्से बन जाएंगे, इसलिए उनका स्वास्थ्य एवं तंदरुस्ती हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
देश की किशोर वय की लड़कियों एवं लड़कों की स्वास्थ्य एवं विकास आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने जनवरी 2014 में राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरकेएसके) आरंभ किया। आरकेएसके किशोर वय के लड़कियों एवं लड़कों के लिए छह कार्यनीतिक प्राथमिकताओं- पोषाहार, यौन एवं प्रजनक स्वास्थ्य (एसआरएच), गैर-संचारी बीमारियां (एनसीडी), मादक द्रव्यों का दुरुपयोग, जख्म एवं हिंसा ( जेंडर आधारित हिंसा समेत) तथा मानसिक स्वास्थ्य की पहचान करता है।
लांच के अवसर पर उपस्थित मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा इस अवसर पर डेवलपमेंट पार्टनर्स ( यूएनएफपीए, पीएफआई) के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे जिन्होंने रिसोर्स किट के विकास में योगदान दिया।