JYOTISH: अपनी राशि से जानिए, आपको किस राज्य/देश में मिलेगी सफलता

पूरा विश्व वास्तु के अनुसार कार्य करता है। दिशा और राशि के अनुकूल राशि स्वामी का नामकरण उत्तम तथा विपरीत व विरोधि गुणधर्म वाली राशि का नामकरण सर्वनाश कर देता है।क्योंकि हर पल हर समय हम ग्रह दिशा तथा उनसे जुड़े तत्वों के प्रभाव मॆ है। जल तत्व का स्वामी चंद्रमा है जो 75% पृथ्वी तथा प्राणी के शरीर मॆ हमेशा रहता है। जल का स्वामी चंद्र 15 दिन मॆ घटता और बढ़ता है जिसे हम तिथि कहते है फलस्वरूप हमे भी 30 दिन के अंदर अच्छे तथा बुरे परिणाम मिलते है।

जम्मू कश्मीर
इसकी नाम राशि मकर है जिसका स्वामी मंगल है और ये है उत्तर दिशा मॆ। नाम पूरी तरीके से उल्टा रख दिया इसिलिये इस राज्य मॆ हमेशा दंगे, आतंकवाद चलता है। मकर राशि मॆ मंगल अकारक होता है। यही कारण है कि तमाम संभावनाएं होने के बावजूद जम्मू कश्मीर कभी सम्पन्न राज्य नहीं बन पा रहा है। 

उत्तर दिशा के अन्य राज्य
हिमाचल, हरियाणा, पंजाब मॆ शांति होने का कारण उनका सही नाम होना है। हरियाणा, हिमाचल की कर्क राशि है ये राज्य उत्तर दिशा मॆ है तथा कर्क राशि गुरु की उच्च राशि है फलस्वरूप गुरु का प्रभाव शांति, समृद्धि इन्हे मिलता है जबकि दिशा तथा नामकरण: मुख्यतः चार दिशाएं है उत्तर दक्षिण पूर्व पश्चिम।

उत्तर: 
इस दिशा का स्वामी गुरु होता है। मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु और मीन इन राशियों मॆ गुरु परम कारक होता है। इसिलिये इन राशि वालों कॊ उत्तर दिशा अच्छे परिणाम देती है। जिनकी पत्री मॆ गुरु कारक है उन्हे उत्तर दिशा की ओर अपना कार्यक्षेत्र चुनना चाहिये। इससे आपको अनुकूल सफलता मिलती है साथ ही भाग्य साथ देता है।

भारत मॆ उत्तर
हरियाणा, पंजाब, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, हिमाचल, उत्तराखंड, उत्तरी राजस्थान, जम्मू कश्मीर आदि।
विश्व मॆ उत्तर: चीन ,रूस,स्वीडन,नार्वे ,उक्रेन आदि।

दक्षिण
इस दिशा का स्वामी मंगल होता है इसे यम की दिशा भी कहते है। मंगल ग्रह से रक्षा, प्रतिरक्षा का विचार किया जाता है। इंजीनियरिंग ,तकनीकी तथा साहस के कार्य इस ग्रह से ही देखा जाता है। मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु तथा मीन राशि मॆ यह ग्रह कारक होता है। इन राशि के जातक कॊ दक्षिण दिशा मॆ अनुकूल सफलता मिलती है।
भारत मॆ दक्षिण: तमिलनाडु,केरल आंध्रप्रदेश ,कर्नाटक आदि।
विश्व मॆ दक्षिण: श्रीलंका,आस्ट्रलिया,न्यूजीलेन्ड आदि 

पूर्व: 
इस दिशा का स्वामी बुध होता है। चूँकि सूर्य का भ्रमण पूर्व पश्चिम होता है इसिलिए इस दिशा कॊ सूर्य का विशेष सहयोग मिलता है। पत्रिका मॆ सूर्य बुध एकसाथ हो तो इसे बुधआदित्य योग कहते है। जो एक शुभ योग माना जाता है। वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला, मकर तथा कुम्भ राशि मॆ यह ग्रह शुभ माना जाता है। इस राशि वालो कॊ यह दिशा परिणाम देती है।

भारत मॆ पूर्व: पूर्वांचल ,उडिसा, पूर्वी आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि।
विश्व मॆ पूर्व: जापान, कोरिया ,वियतनाम, फिलिपिंस, थाईलेंड़, इंडोनेशिया आदि।

पश्चिम: 
इस दिशा मॆ सूर्य अस्त होता है शनि इस दिशा का स्वामी होता है शनि का परम मित्र शुक्र का इस दिशा मॆ विशेष प्रभाव रहता है। पत्रिका मॆ शनि शुक्र यदि एक साथ हो तो जातक कोई भी काम करे लक्ष्मी की उसपर कृपा होती है। वृषभ, कन्या, तुला, मकर तथा कुम्भ राशि वालों कॊ यह दिशा विशेष सहयोग करती है।
भारत मॆ पश्चिम: पूरा गुजरात, महाराष्ट्र, गोआ तथा कर्नाटक का कुछ क्षेत्र।
विश्व मॆ पश्चिम: यूरोप ,इंग्लॅण्ड,अरब ,अमेरिका आदि।
पंडित चंद्रशेखर नेमा"हिमांशु"
9893280184
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