JEENS T-SHIRT वाली लड़कियों को पत्थर बांधकर समुद्र में फैंक देना चाहिए: ईसाई धर्मगुरू

नई दिल्ली। केरल में एक पादरी का महिलाओं के खिलाफ विवादित बयान देने वाला वीडियो सामने आया है, जिसके बाद बवाल शुरू हो गया है। पादरी तुगलकी फरमान सुनाते हुए जींस, टी-शर्ट, शर्ट या फिर मर्दों के कपड़े पहनने वाली लड़कियों को समुद्र में डूबा देना चाहिए। पादरी का यह शर्मनाक बयान यही नहीं खत्म होता है बल्कि वह आगे कहता है कि महिलाएं इस तरह के कपड़े सिर्फ पुरुषों को उकसाने के लिए पहनती हैं।

जैसमिन पीके नाम की लड़की ने फेसबुक पर इस पादरी का यह वीडियो शेयर किया है जिसमें वह कहते हुए सुनाई दे रहा है कि इस तरह के कपड़े पहनने वाली लड़कियों और महिलाओं के शरीर से पत्थर बांधकर उन्हें समुद्र में फेंक देना चाहिए। जब मैं किसी चर्च में प्रार्थना के लिए जाता हूं, खासकर पवित्र मास के लिए जाता हूं तो अपने सामने खड़ी कुछ महिलाओं के कारण मैं महसूस करता हूं चर्च से बाहर चला जाऊं।

पादरी ने कहा कि महिलाएं यह सब सिर्फ आकर्षण का केंद्र बनने के लिए करती हैं, यहां तक की चर्च जैसे स्थान पर भी। वह आकर्षण पाने के लिए जींस, टी-शर्ट, शर्ट, ट्राउजर पहनकर जाती हैं। मोबाइल फोन उनके हाथ में होता है, बाल खूले रहते हैं। मुझे समझ नहीं आता है कि इन सब चीजों की चर्च में क्या जरुरत है।

वह आगे कहता है कि क्या कैथोलिक चर्च आपको पुरुषों के कपड़े पहनने की अनुमति देता है? चर्च को जाने दो। क्या पवित्र बाइबिल आपको इसकी इजाजत देती है? मैं आपको बताना चाहूंगा कि बाइबिल क्या कहती है- मर्द को महिलाओं के कपड़े नहीं पहनने चाहिए और महिलाओं को पुरुषों के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। अगर आप ऐसा करते हो तो आप भगवान का अपमान करते हो। अगर आप गॉड के खिलाफ जाते हो तो आपका दया क्यों चाहिए।

12 माह पहले यूट्यूब पर किया गया था पोस्ट
इस वीडियो को शालोम टीवी से लिया गया है, लेकिन यह वीडियो को 12 महीने पहले ही यू-ट्यूब पर डाला गया था।

मेडिकल कॉलेज ने भी लगाया था जींस, टी-शर्ट पर बैन
आपको बता दें कि बीते साल के अंत में तिरुवंतपुरम गर्वनेंट मेडिकल कॉलेज ने एमबीबीएस के स्टूडेंट्स के लिए जींस, टी-शर्ट और लेगिंग पहनना बैन कर दिया था। साथ ही कॉलेज कैंपस में सफेद ओवरकोट पहनना और हर वक्त अपना आई कार्ड डिस्प्ले करना भी अनिवार्य कर दिया था। इसे लेकर छात्रों ने विरोध किया था।
Tags

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !