HC आॅर्डर डस्टबिन में: सरकार ने स्वाइन फ्लू लैब नहीं बनाई

भोपाल। शिवराज सिंह सरकार पर अक्सर मेडिकल माफिया को फायदा पहुंचाने वाली पॉलिसी बनाने का आरोप लगता रहता है। कुछ उदाहरण ऐसे हैं जो यह संदेह पैदा करते हैं कि शिवराज सिंह सरकार प्राइवेट अस्पतालों को ज्यादा से ज्यादा फायदा पहुंचाने वाले काम करती है। यह मामला स्वाइन फ्लू लैब का है। इसके ना होने के कारण लोग मजबूरन प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के लिए जाते हैं और स्वाइन फ्लू के दौरान मेडिकल माफिया करोड़ों की कमाई करता है। 

हाईकोर्ट ने तो आदेश दे दिया कि सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में स्वाइन फ्लू लैब बनाओ। लेकिन इसके बाद भी प्रदेश सरकार जिस धीमी गति से चल रही है उसमें ही करीब डेढ़ साल बीत गए और केवल भोपाल में लैब शुरू होने की प्रक्रिया मात्र हुई। लालफीताशाही का हाल यह है कि शेष पांच मेडिकल कॉलेजों के एमओयू भी अभी केन्द्र सरकार से साइन नहीं हुए।

अभी यहां है स्वाइन फ्लू लैब - इन शहरों से आ रहे सैंपल
एनआईआरटीएच, जबलपुर- जबलपुर के अलावा, भोपाल, इंदौर, सागर, विंध्य क्षेत्र के सैंपल
आर्मी हॉस्पिटल, ग्वालियर - ग्वालियर, चंबल क्षेत्र के सैंपल की जांच

वायरस कब होता है सक्रिय
स्वाइन फ्लू वायरस एच1एन1 ठंड के मौसम में अधिक सक्रिय रहता है। तापमान जैसे ही बढ़ता है वायरस निष्क्रिय हो जाता है। प्रायः 25 डिग्री सेंटीग्रेड से अधिक तापमान पर यह निष्क्रिय हो जाता है।

क्यों है लैब जरूरी
स्वाइन फ्लू के अचानक फैलने से पहले एक सप्ताह में ही सैकड़ों सैंपल लैब में जांच के लिए आते हैं। वैसे तो सैंपल की जांच एक दिन में ही संभव है लेकिन जिस शहर से सैंपल आ रहा है वहां से लैब तक पहुंचने और इसके बाद जांच के लिए सैंपल लगने में समय अधिक लग जाता है।

इस तरह बनेगी लैब
केन्द्र सरकार पहले 75 प्रतिशत और राज्य सरकार 25 प्रतिशत अंशदान कर रही थी। लेकिन अब केन्द्र सरकार ने अंशदान कम करके 60 प्रतिशत कर दिया। इससे अब राज्य सरकार को 40 प्रतिशत फंड देना होगा। प्रदेश सरकार की छह मेडिकल कॉलेजों में स्वाइन फ्लू लैब बनाने की योजना है। इसके लिए दो करोड़ रुपए प्रति लैब फंड सरकार खर्च करेगी।

मेडिकल कॉलेज भोपाल में स्वाइन फ्लू लैब बनाने का काम करीब 80 प्रतिशत तक हो चुका है। इसके अलावा जबलपुर, इंदौर, ग्वालियर, रीवा, सागर मेडिकल कॉलेजों में लैब बनाने के लिए राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार को नया एमओयू भेजा ही नहीं। कोर्ट ने इसके लिए प्रदेश सरकार और केन्द्र सरकार दोनों के लिए समय सीमा निश्चित कर दी है।
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छह मेडिकल कॉलेजों में स्वाइन फ्लू लैब बनाई जानी है लेकिन अभी भोपाल छोड़कर शेष पांच मेडिकल कॉलेजों में लैब बनाने के लिए केन्द्र सरकार से एमओयू साईन नहीं हुआ है। इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है।
डॉ. उल्का श्रीवास्तव
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कोर्ट ने एमओयू साइन करने के लिए केन्द्र सरकार को दो सप्ताह और राज्य सरकार को चार सप्ताह का समय दिया है। इस तरह कुल छह सप्ताह बाद वे कोर्ट को रिपोर्ट भेजेंगे। अभी तक करीब डेढ़ साल गुजर चुका।
अभिषेक अरजरिया
एडवोकेट

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