सचिव मप्र पंचायत एवं ग्रामीण विकास के नाम हाईकोर्ट का वारंट

जबलपुर। शक्तिशाली आईएएस राधेश्याम जुलानिया के कारण पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग काफी चर्चाओं में हैं। इसी बीच मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने मप्र पंचायत एवं ग्रामीण विकास के सचिव के खिलाफ गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। वारंट अवमानना याचिका पर जारी किया गया। कोर्ट ने उपस्थिति के लिए अगली सुनवाई तिथि 2 मार्च निर्धारित की है।

न्यायमूर्ति नंदिता दुबे की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान अवमानना याचिकाकर्ता अशोक कुमार ठाकुर की ओर से अधिवक्ता अशोक कुमार चौरसिया, श्रीमती सरिता चौरसिया, जय कोष्टा और श्रीमती विनीता राय ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि मध्यप्रदेश राज्य तिलहन संघ के घाटे में चले जाने के कारण वहां कार्यरत लगभग 1200 कर्मचारियों-अधिकारियों को विभिन्न विभागों में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ किया गया। उन्हें चतुर्थ वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है जबकि मध्यप्रदेश शासन के अन्य कर्मचारियों और अधिकारियों को पांचवें व छठवें वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है।

ग्वालियर बेंच के आदेश का हवाला
प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत कर्मी दिनकर प्रताप सिंह सहित अन्य के मामले में हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने पांचवां व छठवां वेतनमान देने का राहतकारी आदेश पारित किया है। जिसके खिलाफ राज्य की विशेष अनुमति याचिका सुप्रीम कोर्ट से खारिज हो चुकी है। जिससे सभी को पांचवें व छठवें वेतनमान का लाभ मिल गया लेकिन याचिकाकर्ता अशोक कुमार ठाकुर व अन्य को मुख्यपीठ जबलपुर से पारित पूर्व आदेश के बावजूद अब तक लाभ नहीं दिया गया। तीन माह की समयावधि गुजरने से अवमानना हो चुकी है। इसीलिए हाईकोर्ट की शरण फिर से ली गई।

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