मिल बांचे में पढ़ाने गए थे मंत्रीजी, जांच पड़ताल करके लौट आए

उज्जैन। 'मिल बांचे मध्यप्रदेश' कार्यक्रम के तहत शिवराज सरकार के सभी मंत्री और भाजपा के सभी पदाधिकारी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के लिए गए हैं। पूर्व शिक्षामंत्री एवं वर्तमान ऊर्जा मंत्री पारस जैन भी पानदरीबा संस्कृत प्राथमिक माध्यमिक स्कूल में पहुंचे। यहां उन्होंने कुछ नहीं पढ़ाया। बच्चों का टेस्ट लिया। टीचर को डांटा और भाषण देकर लौट गए। बता दें कि मंत्रीजी ने बीकॉम तक शिक्षा ग्रहण की है लेकिन शुरू से ही उन्हे पहलवानी का शौक रहा है। 

स्कूल में पहुंचे मंत्रीजी ने बच्चों को पढ़ाने के लिए किताब मांगी, तो एक बिखरी किताब मिली। बस फिर क्या था मंत्रीजी भी बिखर गए। कहा कि अच्छी किताब रखो और इस पर जिल्द लगाओ। इस दौरान जब उन्होंने आठवीं की एक छात्रा को हिंदी की किताब से पाठ पढ़ने को कहा तो वह हिंदी नहीं पढ़ पाई। इस पर मंत्री पारस जैन ने वहां खड़ी टीचर से पूछा आपको कितनी सैलरी मिलती है। तो टीचर ने बताया 35 हजार रुपए। मंत्री ने इस पर कहा आपको हिंदी पढ़ाना भी नहीं आता। इसके बाद मंत्रीजी ने भी हिंदी नहीं पढ़ाई। 

फिर शुरू हुआ भाषण
मंत्री ने वहां मौजूद एक छात्रा से हिंदी का पाठ 3 पढ़वाया और फिर पूछा कितनी बार गलती हुई। इसके बाद 10 का पहाड़ा बुलवाया। इस दौरान छात्रा थोड़ी डरी हुई नजर आई तो पारस जैन ने उससे कहा डरो मत, बड़े होकर क्या बनना चाहती हो, बताओ। इसके बाद उन्होंने पूछा स्वच्छता अभियान कब से चालू हुआ और किसने शुरू किया। इसका जवाब छात्रा नहीं दे सकी। मंत्री ने कहा 50 प्रतिशत नंबर मिले तो नौकरी नहीं मिलेगी, 80 प्रतिशत तो लाना ही होगा। 8वीं की छात्रा से कहा डरो मत तुम्हें झांसी की रानी की तरह निडर बनना है। इसके बाद उन्होंने पूछा प्रधानमंत्री कौन है, इसका जवाब भी वह नहीं दे सकी। मंत्री पारस जैन ने इस पर शिक्षकों को चेताया कि ठीक से देख लोग 8वीं की छात्रा को प्रधानमंत्री का नाम भी नहीं पता। छात्रा के हिंदी न पढ़ पाने की वजह पर टीचर ने कहा कि वह रोज स्कूल नहीं आती।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !