यहां पेड़ों में दफना दी जातीं हैं बच्चों की लाशें

नई दिल्ली। जिंदगी और मौत किसी के हाथ में नहीं होता है और ना ही इस पर किसी का कंट्रोल होता है। मौत के बाद शवों को दफनाते और अंतिम संस्कार को लेकर अलग-अलग रीति रीवाज होते हैं। ऐसा ही एक अनोखा रीवाज इंडोनेशिया में है, जहां मौत के बाद बच्चों को पेड़ के भीतर दफना दिया जाता है। डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक ऐसा सालों से होता आ रहा है।

इंडोनेशिया की राजधानी से 186 किमी दूर पहाड़ी क्षेत्र ताना तरोजा में बच्चों की मौत के बाद उनके अंतिम संस्कार की बड़ी ही अनोखी परंपरा है। यहां मौत के बाद बच्चों के शवों को पेड़ के तने में दफना दिया जाता है।

यहां के लोग छोटे बच्चों की मौत के बाद उन के शवों को मिट्टी के बजाए बड़े पेड़ों के तनों में दफना देते हैं। इस इलाके में बच्चे के मौत के बाद शोक के साथ बच्चे के शव को पेड़ के तने में दफना देते हैं ताकि वह प्राकृति की गोद में समा जाए।

इन अनोखे रिवाज के पीछे इन लोगों की अनोखी दलील है। ताना तरोजा इलाके के लोगों का मानना है कि यदि बच्चे के मृत शरीर को तने में मिला दिया जाए तो कुछ समय के बाद वो अपने आप ही प्राकृतिक रूप से पेड़ के साथ मिलता जाएगा और प्रकृतिक में मिल जाएगा।

ऐसा सभी बच्चों के साथ नहीं किया जाता है। ये नियम केवल उन बच्चों पर ही लागू होता है तो बेहद छोटे है, जिनके दांत नहीं आए होते है। उन बच्चों की अगर दुर्भाग्यवश मौत हो जाती है तो उन्हें दफनाते के बजाए बड़े पेड़ों के तनों में दबा दिया जाता है। ताकि वो प्रकृतिक में मिल जाए।

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