कर्मचारी: लोन पर खरीदिए मकान, ईएमआई का कोई झंझट नहीं

नई दिल्ली। यदि आप कर्मचारी हैं और आपका पीएफ जमा होता है तो अब आपको अपना मकान खरीदने के लिए किसी भी तरह के तनाव में आने की जरूरत नहीं है। आप बस अपना मकान पसंद कर लीजिए। उसकी डाउन पेमेंट ईपीएफओ देगा और किश्तें भी वही चुकाएगा। 

जी हां, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) अपने सदस्यों के लिए अगले महीने हाउसिंग स्कीम लांच करने जा रहा है। इसके तहत कर्मचारी अपने पीएफ खाते से प्रारंभिक एकमुश्त भुगतान और मासिक किस्त चुकाकर अपने मकान का सपना सच कर सकेंगे।

सूत्रों के अनुसार ईपीएफओ ने सदस्य कर्मचारियों के लिए आवासीय योजना को अंतिम रूप दे दिया है। इसे आठ मार्च को पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान के बाद किसी भी दिन लांच किया जा सकता है।

ईपीएफओ से मिलेगी मदद
योजना के तहत ईपीएफओ अपने सवा चार करोड़ सदस्य कर्मचारियों को सेवाकाल के दौरान मकान खरीदने में मददगार की भूमिका निभाएगा। इसके लिए कर्मचारियों को अपने नियोक्ताओं के साथ मिलकर ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी बनानी पड़ेगी। यह सोसायटी बैंकों और बिल्डरों या मकान विक्रेताओं के साथ गठजोड़ करके कर्मचारियों को मकान खरीदने में सहायता प्रदान करेगी। ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी में कम से कम 20 सदस्य होने जरूरी होंगे।

सरकारी योजनाओं से मिलेगा फायदा
सदस्यों को प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी केंद्र अथवा राज्य सरकारों की विभिन्न आवासीय स्कीमों को आपस में क्लब करने की इजाजत होगी। संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के मामले में ईपीएफओ बैंकों को कर्मचारियों की साख और मासिक किस्त (ईएमआइ) अदा करने की क्षमता का प्रमाणपत्र देगा, लेकिन कानूनी विवाद की स्थिति में वह किसी भी पक्ष की पैरवी नहीं करेगा। बिल्डर, विक्रेता, बैंक और ग्रुप हाउसिंग सोसायटी को आपस में ही विवाद सुलझाना होगा।

विवाद की स्थिति में ग्रुप हाउसिंग सोसायटी के प्रमुख के अनुरोध पर ईपीएफओ को सदस्यों के खाते से ईएमआइ का भुगतान रोकने का अधिकार होगा। ईपीएफओ के सवा चार करोड़ सदस्यों के लिए आवासीय योजना लाने की मंशा का एलान केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने पिछले साल मई में लोकसभा में एक सवाल के जवाब में किया था। तब सरकार की ओर से कहा गया था कि वह एनबीसीसी तथा दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए), पुडा और हुडा जैसी आवासीय संस्थाओं तथा सार्वजनिक क्षेत्र की हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों तथा बैंकों के सहयोग से ईपीएफओं के सदस्यों को सस्ते मकान उपलब्ध कराना चाहती है।

कम सैलरी वालों को ज्यादा फायदा
ईपीएफओ के 70 फीसद से ज्यादा ग्राहकों का मासिक मूल वेतन 15 हजार रुपये से कम है। इस तरह की स्कीम लाए जाने से इन्हें सबसे ज्यादा लाभ होगा। इससे 2022 तक सभी को आवास के पीएम मोदी के सपने को सच करने में मदद मिलेगी। पीएमओ ने भी ईपीएफओ से इस तरह की स्कीम तैयार करने के लिए कहा था। इसके लिए ईपीएफओ कोष की 15 फीसद राशि को हाउसिंग सोसाइटियों को कर्ज के रूप में उपलब्ध कराने का प्रस्ताव था। ईपीएफओ के पास अभी 6.5 लाख करोड़ रुपये का कुल कोष है। इसमें हर साल 70 हजार करोड़ की बढ़ोतरी होती है।

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