ग्वालियर। आयुक्त लोक शिक्षण ने सरकार को प्रदेश के पौने चार लाख शिक्षकों के ग्रीष्म अवकाश को समाप्त करने का प्रस्ताव भेजा है। प्रस्ताव बनाने वाले लोग एयर कंडीशनर भवनों में बैठ कर शिक्षा में अभिनव प्रयोग करने में विशेषज्ञता हासिल किये है। इन्हें रुट लेबल का वास्तविक ज्ञान नही है। इस कारण ही विभाग की योजनाएं दम तोड़ती दिखती है।
प्रदेश का अधिकांश क्षेत्र ग्रामीण है ग्रामीण क्षेत्रो में गर्मी एवं लू की स्थिति सर्वविदित है। यहा तक की लोगों को पेयजल भी नसीब नही होता। इन परिस्थितियों में यह प्रस्ताव औचित्यहीन है। शिक्षकों को पूर्व में 10 दिन के अर्जित अवकाश की पात्रता थी। उसे भी समाप्त कर दिया है। इसी प्रकार अर्जित अवकाश का प्रलोभन देकर सरकार का शिक्षको के ग्रीष्म अवकाश को बंद करने का कुप्रयास है।
क्योंकि पहले भी शिक्षको के अवकाश में 10 दिन के ग्रीष्म अवकाश के नाम पर कटौती की है।फिर उसको समाप्त कर दिया। अब भी यही हश्र होने वाला है। इस प्रस्ताव से प्रदेश के शिक्षक एवं अध्यापको में रोष एवं आक्रोश व्याप्त है। मध्य प्रदेश शिक्षक कांग्रेस संभाग ग्वालियर -चम्बल इस प्रस्ताव की कड़े शब्दों में भर्त्सना करती है।
सरकार से मांग है कि इस औचित्यहीन प्रस्ताव को तत्काल निरस्त करे। प्रस्ताव को निरस्त करने की मांग करने वोले शिक्षक कांग्रेस नेता बालकृष्ण शर्मा, जगदीश मिश्रा, कमल द्विवेदी, रामकुमार पाराशर, नाथूराम शर्मा, ओपी, प्रमोद शर्मा, रामसेवी चौहान, प्रमोद त्रिवेदी,
हरीश तिवारी, मुकेश शर्मा जापथाप, कैलाशी मरैया, उमेश सिकरवार, राजेश शर्मा, प्रदीप मुदगल, अवधेश शर्मा, गजेंद्र रावत, भानु पाराशर, राजेंद्र सिंह जादौन, भोलाराम शर्मा, राजेंद्रसिंह कल्याण सिंह वर्मा, आदि शामिल है ।