कैलाश विजयवर्गीय मामले में हाईकोर्ट सख्त: पुलिस को लताड़ लगाई

इंदौर। महू विधायक व भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के निर्वाचन के खिलाफ दायर चुनाव याचिका के मामले में बुधवार को हाईकोर्ट ने सख्त रवैया दिखाया। मोहर्रम के जुलूस की सीडी को सत्यापित करने के लिए पुलिस को आईटी एक्ट की धारा 65-बी का प्रमाण पत्र देना है, लेकिन पुलिस हर बार नई कहानी बता रही है। इस बार पुलिस ने कहा- जिस दुकान से सीडी तैयार करवाई थी उस दुकानदार की मौत हो गई, इसलिए प्रमाण पत्र नहीं दे पाए। इस पर कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा- हम असहाय नहीं, जरूरत पड़ने पर विकल्प पर विचार कर सकते हैं। 

जस्टिस आलोक वर्मा की कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही है। याचिकाकर्ता अंतरसिंह दरबार की ओर से अधिवक्ता रवींद्र सिंह छाबड़ा पैरवी कर रहे हैं। विजयवर्गीय की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता शेखर भार्गव, विवेक पटवा ने पक्ष रखा। सुनवाई में तत्कालीन महू थाना प्रभारी दिनेश चौहान ने कोर्ट को बताया कि आरक्षक अनिल अहिरवार ने वीडियो रिकॉर्डिंग के बाद गैलेक्सी कम्प्यूटर से सीडी तैयार करवाई थी। 

कोर्ट के निर्देश पर अहिरवार दुकान गए तो पता चला दुकानदार का निधन हो चुका है। इस पर अधिवक्ता छाबड़ा ने कहा कि दुकानदार की मौत पहले हो चुकी थी। यह बात चौहान को पहले से पता होगी। पिछली सुनवाई में बता सकते थे, लेकिन हर बार नई कहानी बताकर कोर्ट के निर्देश और समय का मजाक उड़ा रहे हैं। 

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