भतीजे के बचाव में आगे आईं यशोधरा, टारगेट पर पवैया

भोपाल। यह इतिहास में पहली बार हो रहा है जब सिंधिया परिवार अपने किसी विरोधी को उसी की भाषा में जवाब दे रहा है। मप्र के उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया के लिए तो यह भारी संकट का विषय है, क्योंकि उनकी तो पूरी राजनीति ही सिंधिया के विरोध पर टिकी है। पवैया ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के बहाने सिंधिया परिवार पर हमला किया था। पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उन्हे झड़का फिर यशोधरा राजे सिंधिया ने भी नहीं छोड़ा। यशोधरा ने कहा कि पवैया को इतिहास पढ़ने की जरूरत है। 

खेलमंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने श्रीमंत शब्द को लेकर कहा कि इस शब्द को मराठा इतिहास में समाज के किसी सम्मानित और प्रतिष्ठित व्यक्ति के नाम के साथ सम्मान सूचक के रुप में इस्तेमाल किया जाता था, इससे सामंतवाद का कोई लेनादेना नहीं है। इस तरह से उन्होंने एक तीर से दो निशाने मारे। एक पवैया को खामोश कर दिया तो दूसरा सिंधिया परिवार में चल रहे तल्ख रिश्तों को भी नरम कर दिया। बता दें कि पिछले काफी दिनों से बुआ भतीजे के बीच तनाव चल रहा है। हालात यहां तक बने कि यशोधरा राजे ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ और खुलकर चुनाव प्रचार किया। 

क्या हुआ था 
उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया ने अशोकनगर दौरे के दौरान एक शिलालेख पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम के आगे श्रीमंत शब्द लिखा होने पर कड़ी आपत्ति जताई थी और उन्होंने इसे सामंतवाद का प्रतीक बताया था। बाद में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह ने इसे पवैया के निजी विचार बताते हुए कहा कि भाजपा को 'श्रीमंत' शब्द से कोई आपत्ति नहीं है। 

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