ट्रंप की वीजा पॉलिसी से मोदी भी खुश नहीं, आपत्ति दर्ज कराई

नई दिल्ली। ट्रंप प्रशासन द्वारा एच1बी वीजा में कटौती का रूख अपनाने के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को अमेरिका द्वारा कुशल पेशेवरों की आवाजाही के मामले में संतुलित और दूरदर्शी नजरिया अपनाने पर जोर दिया। अमेरिका में एच1बी वीजा सुविधा में कटौती का भारतीय साफ्टवेयर क्षेत्र के पेशेवरों पर प्रतिकूल प्रभाव होगा।

मोदी ने अमेरिकी कांग्रेस के द्विदलीय प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए कहा कि अमेरिकी प्रशासन और कांग्रेस में बदलाव के बाद द्विपक्षीय आदान-प्रदान के मामले में प्रतिनिधिमंडल का आगमन अच्छी शुरुआत है। प्रधानमंत्री ने इस मौके पर राष्ट्रपति ट्रंप के साथ हुई उनकी सकारात्मक बातचीत को याद किया और पिछले ढाई साल में गहरे द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने की प्रतिबद्धता के बारे में बताया।

मोदी ने भारत-अमेरिका भागीदारी के लिये कांग्रेस के दोनों दलों के मजबूत समर्थन की भी पुष्टि की। प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक वक्तव्य में यह जानकारी दी गई है। प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान मोदी ने उन क्षेत्रों के बारे में अपने विचारों से अवगत कराया जिनमें दोनों देश अधिक नजदीकी के साथ काम कर सकते हैं। इन क्षेत्रों में लोगों के बीच बेहतर संपर्क महत्वपूर्ण है जिसका पिछले कई सालों के दौरान एक दूसरे की समृद्धि में काफी योगदान रहा है। 

वक्तव्य में कहा गया है, ‘इस परिपेक्ष में प्रधानमंत्री ने कुशल भारतीय प्रतिभाओं की भूमिका का उल्लेख किया जिसने अमेरिकी समाज और अर्थव्यवस्था को समृद्ध किया है। उन्होंने कुशल पेशेवरों की आवाजाही के मामले में एक परिलक्षित, संतुलित और दूरदर्शी दृष्टिकोण विकसित करने का आग्रह किया।’ 

अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने पिछले महीने कार्यभार ग्रहण करने के फौरन बाद एच-1बी और एल1 जैसे वीजा कार्यक्रमों की नये सिरे से समीक्षा का फैसला किया। उनके इस फैसले का भारतीय प्रौद्योगिकी कंपनियों और अमेरिका में काम कर रहे पेशेवरों के कामकाज पर प्रतिकूल प्रभाव होगा। अमेरिका से वर्तमान में हर साल 65,000 एच1बी वीजा जारी किये जाते हैं, इसमें भारतीयों को मिलने वाले वीजा का बड़ा हिस्सा होता है।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !