भोपाल। दुश्मन देश पाकिस्तान को भारत की महत्वपूर्ण जानकारी भेजने के मामले में गिरफ्तार हुए बलराम का बजरंग दल से कनेक्शन सामने आ रहा है। उसने सतना के कुछ बजरंग दल कार्यकर्ताओं के नाम से बैंक में खाते खोल लिए थे। इस पूरे मामले की जांच एनआईए को सौंपी जा सकती है। इस संबंध में कल रात को पुलिस मुख्यालय में चुनिंदा अफसरों की अहम बैठक हुई। उधर इस मामले में अभी और आरोपियों की तलाश चल रही है। उत्तर प्रदेश एटीएस की टीम भोपाल आ चुकी है। आंध्र प्रदेश और उडीसा राज्यों की एटीएस की टीम भोपाल पहुंचने वाली है।
बलराम गिरोह में सतना के 2 डॉक्टरों के साथ 46 लोग
जम्मू और केंद्र की खुफिया एजेंसी के इनपुट पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वालों को रुपए देने वाला बलराम भी भाजपा और बजरंग दल से जुड़ा हुआ निकल रहा है। सूत्रों की मानी जाए तो काउंटर इंटेलीजेंस को पता चला है कि उसने बजरंग दल के कुछ कार्यकर्ताओं के नाम से बैंक में खाते खोले है। इन खातों में पाकिस्तान से पैसा आता था।
इससे पहले भोपाल से पकड़ाए ध्रुव सक्सेना और ग्वालियर से गिरफ्तार हुए जितेंद्र सिंह के भाजपा से जुड़े होने की बात सामने आ चुकी है। पाकिस्तान के लिए चलाए जा रहे प्राइवेट टेलीफोन एक्सचेंज को को बलराम ही फंडिंग करता था। बलराम के संपर्क में प्रदेश के करीब 46 लोग हैं। यह जानकारी पुलिस को मिली है। इन सब के संबंध में बलराम से पूछताछ की जा रही है। बलराम ने सतना के दो डॉक्टरों के नाम भी इसमें बताएं हैं। इन दोनों डॉक्टरों के बैंक में भी बलराम के कहने पर विदेश से पैसा जमा हुआ था।
ATS बैंकों को लिखे 125 पत्र
एटीएस ने बलराम और अन्य आरोपियों के बैंक खातों की जानकारी बुलाई है। इस संबंध में करीब सवा सौ पत्र बैंकों को भेजे गए हैं।
अब तक 19 संदिग्ध
ग्वालियर-भोपाल, इंदौर से 4 और हिरासत में जासूसी कांड में चार और संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। इस तरह मामले में अब तक 19 संदिग्ध एटीएस के हत्थे चढ़े हैं। आज तड़के महाराष्ट एटीएस की टीम इंदौर पहुंची यहां से जादिल परवेज को हिरासत में लिया गया है। परवेज सिमी के लिए भी काम करता है। इसके अलावा एक को ग्वालियर और एक को भोपाल से हिरासत में लिया गया है। इनमें से एक को मास्टर माइंड बताया जाता है।
सूत्रों की मानी जाए तो कल रात में पुलिस ने ग्वालियर से प्रभात पारिख को हिरासत में ले लिया है। वहीं भोपाल से सौरभ गौढ़ को हिरासत में लिया है। हालांकि इन दोनों को हिरासत में लिए जाने की पुष्टि पुलिस मुख्यालय के अफसरों ने नहीं की है। दूसरी ओर जानकारी मिली है कि बलराम के भाई विक्रम से भी काउंटर इंटेलीजेंस ने पूछताछ की है। पुलिस को आशंका है कि विक्रम को बलराम की इस करतूत की जानकारी होगी।
NIA को सौंपी जा सकती हैं जांच
इस मामले की जांच एनआईए को सौंपी जाने को लेकर कल रात में पुलिस मुख्यालय में एक बैठक बुलाई गई। बैठक में डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला के साथ एडीजी इंटेलीजेंस राजीव टंडन, एडीजी एंटी नक्सल आॅपरेशन संजीव सिंह, आईजी संजीव शमी सहित चुनिंदा अफसर शामिल थे। सूत्रों की मानी जाए तो यह तय किया गया है मामले के तार विदेशों से लेकर देश के कई राज्यों से जुड़ चुके हैं। इसलिए इसकी जांच एनआईए को सौंपी जाए। इस संबंध में एनआईए के अफसरों से भी रात में ही बात की गई। उधर उत्तर प्रदेश एटीएस भोपाल पहुंच चुकी है, हालांकि वह अब तक किसी भी आरोपी से पूछताछ नहीं कर सकी है। जबकि आंध्र प्रदेश और उड़ीसा की एटीएस की टीम जल्द ही भोपाल आने वाली है।