मनोज तिवारी/भोपाल। शिक्षकों को हर साल 'ग्रीष्मकालीन अवकाश' मिलता है। यह करीब डेढ़ महीने का होता है। मप्र में 3 लाख 71 हजार 500 शिक्षक हैं जिन्हे अवकाश का लाभ मिलता रहा है परंतु इस साल से उन्हे यह लाभ नहीं मिलेगा। आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय ने शासन को प्रस्ताव भेज दिया है। इस पर इसी माह फैसला हो सकता है।
छुट्टियों में ये काम करेंगे शिक्षक
प्रदेश में हर साल सरकारी स्कूल 16 जून से खुलते हैं, लेकिन अगस्त तक का समय शिक्षकों की ट्रेनिंग, छात्रवृत्ति, नि:शुल्क किताब, साइकिल, ड्रेस वितरण और स्वतंत्रता दिवस समारोह आदि में गुजर जाता है। ऐसे में सितंबर तक पढ़ाई का माहौल नहीं बन पाता। इसलिए गर्मी की छुट्टी न देकर ये सभी काम पहले ही निपटा लिए जाएं और 16 जून से ही पढ़ाई शुरू की जा सके।
अभी मिलती हैं 36 छुट्टी
शिक्षकों को अभी मई और जून माह में एक से डेढ़ माह का ग्रीष्मकालीन अवकाश दिया जाता है, वहीं 13 आकस्मिक अवकाश (सीएल) और तीन वैकल्पिक अवकाश दिए जाते हैं। 10 दिन फुल-पे मेडिकल और 10 दिन हॉफ-पे मेडिकल दिया जाता है। जबकि अन्य विभागों के कर्मचारियों को ग्रीष्म अवकाश न देकर साल में दो बार 15-15 दिन की ईएल दी जाती है।
शिक्षक भी हैं तैयार
ग्रीष्म अवकाश खत्म करने को लेकर शिक्षक संगठन भी तैयार हैं। मप्र शिक्षक कांग्रेस के प्रवक्ता आशुतोष पाण्डेय कहते हैं कि वैसे भी स्कूल चलें हम अभियान, उत्तर पुस्तिकाएं जांचने, जनगणना, पशुगणना, मतदाता परिचय पत्र पुनरीक्षण कार्य सहित अन्य अभियानों के कारण शिक्षकों को ग्रीष्म अवकाश का पूरा लाभ नहीं मिल पाता है। ईएल मिलने से ये फायदा होगा कि जब शिक्षक को जरूरत होगी, तब उसे छुट्टी मिल जाएगी।
इनका कहना है
शिक्षकों की ग्रीष्मकालीन ट्रेनिंग को देखते हुए आयुक्त लोक शिक्षण की ओर से यह प्रस्ताव आया है। सभी पहलुओं पर विचार कर निर्णय लेंगे।
दीप्ति गौड़ मुकर्जी, सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग