मप्र: अध्यापकों के प्रस्तावित नये गणना पत्रक पर संघर्ष समिति ने लगाई आपत्ति

भोपाल। गत दिवस अध्यापक संघर्ष समिति के सदस्यों ने मंत्रालय में स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों से मुलाकात कर नये प्रस्तावित गणना पत्रक का अवलोकन किया। प्रतिनिधि मंडल में रहे समिति के जिला शाखा अध्यक्ष डी के सिंगौर ने बताया कि 31 मई 16 के प्रथम गणना पत्रक में 2-2 वर्ष में एक वेतन वृद्धि जोड़कर गणना पत्रक जारी किया गया जिसे अध्यापक संगठनो के विरोध उपरांत निरस्त कर दिया गया था उसी तर्ज पर बंचिंग करके नये गणना पत्रक का प्रारूप तैयार किया गया है। 

गणना पत्रक के नियम विरुद्ध होने, अध्यापकों को छठवें वेतनमान का सही लाभ नहीँ मिलने और वसूली की स्थिति निर्मित होने के चलते संघर्ष समिति ने लिखित में आपत्ति दर्ज कराते हुए बंचिंग समाप्त कर सही गणना पत्रक जारी करने की माँग की है। माँग पूर्ण न होने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी है। समिति ने पत्र में स्पष्ट किया है कि सहायक अध्यापक और वरिष्ठ अध्यापक का गणना टेबल अध्यापक के समान करने और वर्ष वार गणना की कंडिका 2.3 को समाप्त करने की माँग की थी। 

दूसरे दिन अध्यापक संघर्ष समिति ने विधान सभा भवन में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान और स्कूल शिक्षा मंत्री से मुलाकात  थी की और ज्ञापन सौंपा व सही गणना पत्रक जारी करने की माँग की है बता दें कि नये जारी गणना पत्रक से सहायक अध्यापक का अधिकतम 28 हजार वेतन बन रहा है जबकि मुख्यमंत्री जी अनेक अवसरों पर कह चुके हैं कि सरकार ने अध्यापकों का वेतन 500 रुपये से बढाकर 35 हजार कर दिया है नये गणना पत्रक से अध्यापक और वरिष्ठ अध्यापक को अधिकतम 1200 से 1800 तक ही फायदा पहुँच रहा है। 

मंडला जिला शाखा अध्यक्ष डी के सिंगौर ने सरकार की कार्यशैली एतराज जताते हुए अपने वक्तव्य में कहा है कि सरकार ने पहले तो अंधा गणना पत्रक जारी किया जिससे सही सही एकरूपता के साथ वेतन कि गणना की जा सके अध्यापक संघर्ष समिति ने गणना पत्रक को परिष्कृत करने की मांग की थी ताकि वेतन निर्धारण में एक रूपता रहे और ज्यादा भुगतान के बाद वसूली की स्थिति न बने लेकिन सरकार ने गणना पत्रक में तत्काल में सुधार न करते हुए उसी विसंगति पूर्ण गणना पत्रक से वेतन निर्धारण करने के लिए लिखित में बाध्य किया ,  जिसके चलते  सैकड़ो तरीके से पुरे प्रदेश में वेतन निर्धारण की प्रक्रिया पूर्ण की गई है एक बार वेतन निर्धारण करा देने के बाद नये फार्मूले से गणना पत्रक जारी करना एकदम दूषित प्रक्रिया है विशेषकर तब जब वेतन निर्धारण से वेतन बहुत कम हो जाए। अध्यापक संघर्ष समिति न तो नये फार्मूले को स्वीकार करेगी और न ही मिले वेतन की वसूली होने देगी। यदि जरूरत पड़ी तो कोर्ट का सहारा भी लेगी।

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