महाशिवरात्रि: अपनी राशिनुसार करें विशेष पूजा, कष्ट निवारण होगा

हिंदु धर्म मॆ समस्त पर्व ग्रहों, तिथि, ऋतु तथा शुभ योगों के अनुसार मनाये जाते है जिससे मानव कॊ आधिदैविक, आधिभौतिक तथा आध्यात्मिक स्तर पर विशेष लाभ होता है। जैसे रामनवमी तथा दशहरा दोनो ऋतु के संधिकाल मॆ मनाये जाते है रक्षाबंधन पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। उसी तरह शिवरात्रि त्रयोदशी तिथि कॊ मनाई जाती है। इस तरह त्योहारों और ग्रह योगों का गहरा सम्बन्ध होता है।

महाशिवरात्रि ज्योतिष महत्व
भगवान भोलेनाथ परम दयालु तथा संहारक देव है।ब्रम्हाजी सृष्टि उत्पन्न करते है विष्णु पालना तथा शिवजी संहारक है। एक तरह से प्राणी सृष्टि कॊ अंत करने का कार्यभार भगवान भोलेनाथ के पास है। इस कार्य कॊ शिवजी अपने गण यम तथा शनिदेव के द्वारा करते है। भगवान भोलेनाथ महाकाल है उनकी आज्ञा से ही काल गतिमान होता है। शनिदेव तथा यमराज प्राणों का हरण करते है जो शिवभक्त होते है काल भी उनपर कृपा करते है। अंत सभी का होता है परन्तु शिवभक्त लोग अकालम्रत्यु नही मरते। जिनकी पत्रिका मॆ ग्रहण योग, कालसर्प योग, बिष योग, चांडाल योग तथा पितृदोष होता है इन सब दुर्योग का निवारण शिवपूजन से ही होता है।
जिन्हे बार-2 कोर्ट-कचहरी ,अस्पताल, कलेश शासकीय प्रताड़ना का सामना करना पड़ता है वे भी विधिवत शिवपूजन करें तो भगवान शिव की उनपर कृपा होती है। तथा कष्टों से छुटकारा मिलता है।

राशिनुसार महाशिवरात्रिपूजन
मेष -वृश्चिक
इन राशि वालों कॊ भगवान भगवान मंगलनाथ का पूजन रक्त पुष्प तथा रक्त चंदन से करना चाहिये।मंगलनाथ महादेव का मंदिर मध्यप्रदेश के उज्जैन स्थान मॆ है साथ  ही महाकाल भगवान का भी पूजन करें।गन्ने के रस से शिवअभिषेक इन राशि वालों कॊ लाभ देता है।
वृषभ-तुला
इन राशि वालों कॊ स्फटिक लिंग का पूजन व अभिषेक दूध व दही से करना चाहिए। भगवान केदारनाथ का भी विधि विधान से पूजन करना चाहिये। 

मिथुन-कन्या
इस राशि वालों कॊ भाँग -धतूरा इत्यादि से भगवान नागनाथ का पूजन करना चाहिये।भगवान नागेश्वर ज्योतिर्लिंग गुजरात मॆ द्वारका के पास है।

कर्क
इन राशि वालों के लिये शिव पूजन अति आवश्यक है क्योंकि इनकी राशि का स्वामी चंद्रमा होता है।इसके अलावा इन्हे ओम्कारेस्वर ज्योतिर्लिंग का पूजन करना चाहिये।

सिंह
इस राशि का स्वामी सूर्य होता है ऐसे जातक कॊ रस ,शहद आदि से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिये।भगवान रामेश्वरम का पूजन करना चाहिये।

मकर-कुम्भ
इन राशि वालो कॊ भगवान काशी विश्वनाथ का पूजन करने के साथ भगवान कालभैरव का पूजन करना चाहिये।शनिदेव का भी अभिषेक पूजन करना चाहिये।
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