जयपुर। तेरह माह से 7वां वेतन आयोग मिलने का इंतजार कर रहे प्रदेश के साढ़े छह लाख से ज्यादा कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर है। राज्य सरकार ने आयोग की सिफारिशें लागू करने के लिए शुक्रवार को कमेटी का गठन कर दिया। पूर्व मुख्य सचिव डीसी सामंत कमेटी के अध्यक्ष बनाए गए हैं। राजस्थान अकांट्स सर्विसेज के अधिकारी डीके मित्तल और एम.पी दीक्षित को सदस्य के तौर पर शामिल किया गया है। कमेटी तीन माह में अपनी रिपोर्ट सरकार को देगी।
इसके बाद सरकार भी इसे लागू करने में दो से तीन महीने का समय लेगी। ऐसे में 7वें वेतनमान के अक्टूबर तक लागू होने की उम्मीद है। 19 अक्टूबर को दीपावली है। ऐसे में माना जा रहा है कि इससे पहले 7वें वेतनमान का तोहफा मिल सकता है। यह कमेटी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर राज्य कर्मचारियों के लिए रिवाइज्ड वेतनमान, भत्तों और इससे सरकार पर आने वाले वित्तीय भार का आकलन करेगी। कमेटी का कार्यालय वित्त भवन होगा और इसका प्रशासनिक विभाग भी वित्त (नियम) विभाग होगा। कमेटी गठन की घोषणा पिछले साल पेश किए बजट में की गई थी।
केंद्रीय कर्मचारियों को यह मिला
केंद्र ने एक जनवरी 2016 से अपने कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू कर दी हैं। सिफारिशों में केंद्रीय कर्मचारियों के बेसिक वेतन को 2.57, 2.67 और 2.72 से गुना कर फिक्सेशन किया गया है। भत्तों की घोषणा अब तक नहीं हुई है। इसके लिए कमेटी गठित की जा चुकी है। हालांकि वेतन आयोग की सिफारिशों में इसे 8 प्रतिशत, 16 प्रतिशत और 24 प्रतिशत रखने की सिफारिश हुई है। इसमें मेट्रो शहरों के लिए 24 प्रतिशत, टाइप टू शहरों (जयपुर शामिल) के लिए 16 प्रतिशत और अन्य शहरों के लिए 8 प्रतिशत एचआरए रखने की सिफारिश थी।