भोपाल। मप्र में भाजपा से कनेक्शन बनाकर चलाया जा रहा पाकिस्तान का जासूसी नेटवर्क केवल छतरपुर के ध्रुव सक्सेना और सतना से बलराम सिंह तक सीमित नहीं है बल्कि देश के 6 राज्यों में फैला हुआ था। खुफिया ऐजेंसियों को इसकी जानकारी मिली है। पहले दिल्ली से जब्बार और मंगलवार को बिहार के जमुई से गिरफ्तार मनोज मंडल के बाद यूपी सहित दो राज्यों में भी इस नेटवर्क के लिंक होने के संकेत एटीएएस को मिले हैं। सूत्रों की मानें तो यूपी के इस लिंक को भी दिल्ली का जब्बार ऑपरेट कर रहा था। जल्द ही यूपी से भी कुछ गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
बलराम की तरह फंड मैनेजर था मनोज मंडल
बिहार के मनोज की भूमिका भी मप्र के सतना के बलराम और रज्जन की तरह फंड मैनेजर के तौर पर थी। मनोज बिहार से आईएसआई हैंडलर्स के कहने पर खुफिया जानकारी भेजने वालों को पैसे पहुंचाता था। शुरुआती पूछताछ में उसके द्वारा भी एक करोड़ रुपए से ज्यादा पैसा हवाला के जरिए मददगारों तक पहुंचाने व बची राशि जब्बार के जरिए पाकिस्तान भिजवाने की बात सामने आई है।
दिल्ली में हो चुकी है मुलाकात
सूत्रों की मानें तो जब्बार ने ही मनोज को बलराम और रज्जन से दिल्ली में मुलाकात कराई थी। मनोज कई बार प्रदेश भी आ चुका है। एटीएस फिलहाल मनोज से पता कर रही है कि क्या बिहार में भी समानांतर टेलीफोन एक्सचेंज चलाए जा रहे हैं?
गुलशन और जब्बार के लिंक
भारत में समानांतर टेलीफोन एक्सचेंज चलाने का गिरोह तैयार करने को लेकर जनवरी में दिल्ली से पकड़ाया कोचिंग सेंटर संचालक गुलशन सेन के जब्बार से रिश्तों को भी एटीएस खंगाल रही है। सूत्रों की मानें तो एटीएस को दोनों के मिलकर काम करने के संकेत भी मिले हैं। गुलशन ने ही दिल्ली, महाराष्ट्र, उप्र, आंध्र, तेलंगाना और ओड़िशा में एक हजार सिम बॉक्स किराए पर दिए थे।