MP: 2.5 लाख संविदा कर्मचारियों का नुक्सान, सरकार ने PF जमा नहीं कराया

RAJEEV SONI/BHOPAL। प्रदेश के विभिन्न महकमों में कार्यरत करीब ढाई लाख संविदा कर्मचारियों को लगातार नुक्सान हो रहा है। कई सालों से नौकरी कर रहे कर्मचारियों का पीएफ सरकार जमा नहीं करा रही है अत: पीएफ पर मिलने वाला ब्याज भी कर्मचारियों को नहीं मिल पा रहा है। सरकार का बेतुका जवाब है कि संविदा कर्मचारी इस दायरे में नहीं आते जबकि श्रम मंत्रालय का कहना है कि कर्मचारी सरकारी हो या प्राइवेट पीएफ के दायरे में आता है। 

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने इस बारे में सरकार को कई बार नोटिस भेजे हैं, लेकिन संविदा कर्मचारियों का पीएफ जमा कराने को लेकर कोई हल नहीं निकला। कर्मचारियों की स्थिति दिहाड़ी मजदूरों से भी गई गुजरी है। हालत यह है कि केन्द्र सरकार का ईपीएफ महकमा एवं राज्य सरकार के विभाग आमने-सामने हैं।

ईपीएफ ने अपनी जांच-पड़ताल में नगरीय निकाय, पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य, पीडब्ल्यूडी, जलसंसाधन एवं खेल युवा कल्याण जैसे विभागों सहित मनरेगा में कार्यरत संविदा कर्मचारियों की जो लिस्ट बनाई है उनकी संख्या करीब ढाई लाख है।

खेल युवा कल्याण विभाग ने पल्ला झाड़ा
हाल ही में खेल एवं युवा कल्याण विभाग ने पीएफ कमिश्नर के नोटिस का जवाब भेजा है। इसमें यह तो स्वीकार किया कि उसके यहां संविदा कर्मचारी कार्यरत हैं लेकिन उनकी सामाजिक सुरक्षा संबंधी जवाबदारी लेने से इंकार किया है। विभागीय संचालक ने कहा है कि ये कर्मचारी खेल अकादमी की योजनाओं के अंतर्गत कार्यरत हैं। इन पर ईपीएफ के नियम लागू नहीं होते इसलिए पीएफ कटौती किया जाना संभव नहीं। 

उधर ईपीएफ के अफसरों का कहना है कि मप्र खेल अकादमी एवं विभाग में 554 संविदा कर्मचारी कार्यरत हैं अन्य स्टाफ को मिलाकर करीब 900 कर्मचारी हैं। लेकिन उनका पीएफ जमा नहीं किया जा रहा। इनमें कोच, हेल्पर एवं एकाउंट कीपिंग स्टाफ सहित अन्य कर्मचारी भी हैं।

सरकार पर बनती है जवाबदारी
पीएफ एक्ट के मुताबिक राज्य सरकार पर इन सभी कर्मचारियों की जवाबदेही बनती है। इस संबंध में सरकार के विभिन्ना विभागों को पत्र भेजे गए हैं लेकिन जवाब नहीं मिल रहा। 
अश्विनी कुमार गुप्ता क्षेत्रीय पीएफ कमिश्नर

सामाजिक सुरक्षा नहीं कर रही सरकार
प्रदेश में एक दर्जन से ज्यादा विभागों में कार्यरत संविदा कर्मचारियों का सरकार पीएफ जमा नहीं करा रही। कर्मचारियों ने कई बार आग्रह भी किया लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। सरकार स्वयं अपने कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा करने के प्रति गंभीर नहीं है।
रमेश राठौर, अध्यक्ष मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ

श्रम मंत्री को कुछ पता ही नहीं
ये मामला जानकारी में नहीं है इसका परीक्षण कराया जाएगा और संविदा कर्मचारियों का उनका हक दिलवाने की पूरी कोशिश की जाएगी। 
ओम प्रकाश धुर्वे, श्रम मंत्री

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