राजेश शुक्ला/अमरकटंक (अनूपपुर)। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की विशेषज्ञ कमेटी ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय में नवीन कृषि विज्ञान केंद्र स्थापित किए जाने के लिए सहमति दे दी है। इसके लिए कमेटी ने हाल ही में विश्वविद्यालय में प्रस्तावित साइट का निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट परिषद को प्रेषित की है। यदि परिषद ने संस्तुति को स्वीकार कर लिया तो इससे मध्य प्रदेश और छत्तीसग$ढ के सीमावर्ती किसानों को कई सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी। किसान नवीन तकनीक, फसल उगाने के लिए विशेषज्ञ राय और बाजार संबंधी जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकेंगे।
इस संबंध में विश्वविद्यालय की ओर से एक विस्तृत प्रस्ताव परिषद को दिया गया था। इस प्रस्ताव को परखने के लिए विशेषज्ञ कमेटी में शामिल चेयरमैन के.नारायण गौ$डा, प्रो. एम.पी. ठाकुर, प्रो. जे.के. साहा, आशीष पांडे (सभी सदस्य) और प्रो. एम.पी. मिश्रा, सदस्य सचिव ने विश्वविद्यालय में प्रस्तावित कृषि विज्ञान केंद की साइट का निरीक्षण किया। जबलपुर के प्रमुख कृषि विशेषज्ञ प्रो.पी.के. बिसेन और डॉ.प्रेम चंद भी टीम के साथ थे।
कुलपति प्रो. टी.वी. कट्टीमनी के साथ विचार-विमर्श के दौरान कमेटी ने विश्वविद्यालय द्वारा प्रदत्त सुविधाओं पर संतोष व्यक्त किया। इस अवसर पर प्रो. कट्टीमनी ने प्रस्तावित केवीके की सुविधाओं को सुदूरवर्ती क्षेत्रों के किसानों तक पहुंचाने का संकल्प व्यक्त किया जिससे यहां के किसानों की आर्थिक स्थिति को बदल कर उनका सामाजिक उत्थान किया जा सके।
परियोजना के नोडल ऑफिसर डॉ.तरूण कुमार ठाकुर ने उम्मीद व्यक्त की है कि विश्वविद्यालय को शीघ्र ही कृषि विज्ञान केंद स्थापित करने के लिए अनुमति मिल जाएगी। वर्तमान में भा...अनु.प. के अंतर्गत ६५१ केवीके देशभर के किसानों को अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। इन सेवाओं के अंतर्गत किसानों की जरूरतों का आंकलन कर उसके अनुरूप तकनीक उन तक पहुंचाना, ग्रामीण महिलाओं को पोषण संबंधी जरूरी जानकारियां उपलब्ध कराना, किसान विज्ञान क्लब का गठन करना, किसानों के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करना शामिल हैं।