विद्युत मंडल में अनुकंपा नियुक्ति को अलग-अलग मृत्यु में बांटने को हाईकोर्ट में चुनौती

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा अनुकंपा नियुक्ति का नियम मनमाने तरीके से संशोधित किए जाने के रवैये को कठघरे में रखने वाली याचिका पर जवाब-तलब कर लिया। इस सिलसिले में राज्य शासन, प्रमुख सचिव ऊर्जा, मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी और मुख्य अभियंता सहित अन्य को नोटिस जारी किए गए हैं।

न्यायमूर्ति सुबोध अभ्यंकर की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता सीहोर निवासी हेमराज यादव की ओर से अधिवक्ता अजय रायजादा ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि पहले जो नियम था, उसके तहत जो बिजली कर्मी सेवारत रहते दिवंगत हो जाते थे, उनके आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति दी जाती थी, लेकिन बिजली कंपनी ने सिर्फ करंट लगने या फिर हिंसा से काल के गाल में समाने वाले बिजली कर्मियों के आश्रितों को ही अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने का नियम बना लिया। इस वजह से याचिकाकर्ता अपने पिता के निधन के बाद विधिवत आवेदन के बावजूद अनुकंपा नियुक्ति से वंचित है। उसके पिता 2010 में दिवंगत हुए थे, वे अपने पीछे पत्नी और पांच बच्चे छोड़ गए हैं। हेमराज उनमें सबसे बड़ा है। चूंकि बिजली कंपनी का नियम मनमाना है अतः निरस्त किए जाने योग्य है। हाईकोर्ट ने प्रारंभिक सुनवाई के बाद जवाब-तलब कर लिया।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !