आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने मांगा कर्मचारी का दर्जा और शिक्षक के बराबर वेतन

जगदलपुर। सरकारी कर्मचारी का दर्जा और शिक्षिकाओं के समतुल्य वेतन की मांग को लेकर एक बार फिर महिला एवं बाल विकास विभाग की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं-सहायिकाएं सोमवार को सड़क पर उतर आई। जिले भी से एकत्र सैकड़ों कार्यकर्ताओं-सहायिकाओं ने पहले कमिश्नर कार्यालय के समक्ष धरना दिया और शहर में रैली निकाली। केन्द्र और राज्य शासन पर कार्यकर्ताओं-सहायिकाओं का आर्थिक शोषण करने का आरोप लगाते हुए विरोध में जमकर नारेबाजी करती रैली शहर के प्रमुख मार्गो से निकलकर वापस धरनास्थल पहुंची। 

हम किसी से कम नहीं अपना हक लेकर रहेंगे, हम भारत की नारी हैं फूल नहीं चिंगारी हैं जैसे नारो से रैली गूंजती रही। रैली खत्म होनें के बाद कमिश्नर कार्यालय पहुंचकर छत्तीसगढ़ प्रदेश आंगनबाड़ी महिला कार्यकर्ता-सहायिका संघ की ओर से डिप्टी कमिश्नर को प्रधानमंत्री, केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री और मुख्यमंत्री छग शासन के नाम पर ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में पांच मांगे उठाई गई हैं जिनमें दो केन्द्र और तीन मांगे राज्य शासन से संबंधित हैं।

धरना में पहुंचे विपक्षी दल दिया समर्थन
आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे विपक्षी दल के नेता भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं-सहायिकाओं के आंदोलन के आंदोलन के समर्थन में धरनास्थल पहुंचे थे। धरनास्थल में नेताओं ने कार्यकर्ताओं-सहायिकाओं की मांगो का समर्थन करते हुए राज्य और केन्द्र सरकार की खिंचाई की। कांग्रेस नेता उमाशंकर शुक्ला ने कहा कि कार्यकर्ताओं-सहायिकाओं को अभी जो मानदेय मिल रहा है वह यूपीए की सरकार ने तय किया था। छग सरकार तो मध्यप्रदेश शासन की भी तुलना में एक हजार रूपए कम मानदेय दे रही है। ऊपर से काम का बोझ दिनों-दिन बढ़ाया जा रहा है। उमाशंकर शुक्ला के साथ नगर निगम के एमआईसी सदस्य यशर्वधन राव व अन्य भी पहुंचे थे। छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस से युवा इकाई के नेता भी समर्थन देने पहुंचे थे।

बंद रही अधिकांश आंगनबाड़ियां
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं-सहायिकाओं की हड़ताल का असर आंगनबाड़ियों के संचालन पर प़ड़ा। जिले की अधिकांश आंगनबा़िड़यों के ताले नहीं खुले। इसके चलते बच्चों को केन्द्र से निराश होकर लौटना पड़ा। बताया जा रहा है कि चार दिन बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के दूसरे संघ द्वारा भी 19 जनवरी को हड़ताल पर जाने की घोषणा की गई है। उस दिन भी केन्द्रों का संचालन प्रभावित रहने की आशंका है। सोमवार की हड़ताल में मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी शामिल थी।

संघ की मांगें
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं-सहायिकाओं को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाय। तब तक मानदेय की सीमा बढ़ाकर 18 हजार रुपए मासिक किया जाए।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सरकारी शिक्षिकाओं के समतुल्य वेतनमान दिया जाए।
मध्यप्रदेश शासन द्वारा मानदेय में राज्यांश के रूप में वहां की कार्यकर्ताओं-सहायिकाओं को सितंबर 2013 से छग की तुलना में करीब एक हजार रुपए अधिक राशि दी जा रही है। छग में भी सितंबर 2013 से मानदेय में वृद्घि कर एरियर्स राशि का भुगतान किया जाए।
पर्यवेक्षक के शत-प्रतिशत रिक्त पद कार्यकर्ताओं की पदोन्नति से भरें जाय। पदोन्नति परीक्षा के माध्यम से नहीं बल्कि वरिष्ठता के आधार पर दी जाए।
रिटायरमेंट के लिए निर्धारित आयु सीमा खत्म की जाय। कार्यकर्ता-सहायिका सरकारी कर्मचारी नहीं है इसलिए शारीरिक सामर्थ्य तक काम करने की छूट दी जाए।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका संघ की 19 जनवरी 2016 से 3 फरवरी 2016 की हड़ताल अवधि की मानदेय कटौती निरस्त कर विशेष अवकाश स्वीकृत कर उक्त अवधि का मानदेय दिया जाय। इसके अलावा अन्य मांगें भी रखी गई हैं।

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