नाबालिग मुस्लिम लड़की निकाह कर सकती है लेकिन लिव-इन रिलेशन नहीं: हाईकोर्ट

इंडिया न्यूज रूम। गुजरात हाई कोर्ट ने एक अहम फैसला लेते हुए नाबालिग मुस्लिम लड़की की शादी पर कानूनी मुहर लगा दी है। हाई कोर्ट का ये फैसला उस केस के अंतर्गत आया है जिसमें एक एक लड़की अपने 21 वर्षीय प्रेमी के साथ भाग गयी थी। कोर्ट का ये फैसला एक पुराने फैसले की तर्ज पर आया है जिसमें माहवारी शुरू होने के बाद एक मुस्लिम लड़की को शादी की इजाजत दे दी गयी थी लेकिन इस ताजे मामले में दिलचस्प बात यह है कि इस प्रेमी जोड़े ने अपने रिश्ते को और मजबूत बनाने के लिए एक ऐसा कदम उठाया कि उससे उनका रिश्ता और खतरे में पड़ गया।

इस कपल ने निकाह किया और साथ ही लिव-इन रिलेशनशिप का कॉन्ट्रैक्ट भी साइन किया। अपने रिश्ते को दोहरी सुरक्षा देने के चक्कर में, इनका साथ देने वाले लोग भी मुसीबत में पड़ गए हैं। लड़की के पिता ने हाई कोर्ट में लिव-इन कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इसके बाद पुलिस को मामले की जांच के आदेश दिए गए। लड़की के पिता का कहना है कि नाबालिग लड़की इस तरह का कॉन्ट्रैक्ट नहीं कर सकती।

जैनुलाबेदिन गांजी और जामनगर की ये लड़की 9 नवंबर को घर से भागे थे लड़की के पिता ने लड़के खिलाफ किडनैपिंग का मामला दर्ज कराया था। इसके बाद गांजी ने हाई कोर्ट का रुख किया और नाबालिग मुस्लिम लड़की का माहवारी शुरू होने के बाद अपनी मर्जी से किसी से शादी करना जायज होने को आधार बनाते हुए गांजी के खिलाफ आरोप को खारिज किया गया। 

जस्टिस जे बी पर्दीवाला ने 22 नवंबर को जोड़े को गिरफ्तार कर मामले की जांच के आदेश दिये हैं। जोड़े द्वारा परिवार को अपना लिव-इन रिलेशनशिप ऐग्रीमेंट भेजने के बाद, लड़की के पिता कोर्ट पहुंचे, और कोर्ट ने शुरुआत से मामले की जांच के आदेश दिये।

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