शराब के धंधे में माफियागिरी को बढ़ाने वाले नियम बना

भोपाल। बिना तनाव के ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाने के लिए शिवराज सरकार ने शराब के कारोबार में एक ऐसा नियम बना दिया जो आने वाले दिनों में माफियागिरी को और बढ़ाएगा। कुछ नए अपराध होंगे। कुछ कमजोर लोग कुचल दिए जाएंगे। दरअसल, सरकार ने वर्ष 2017-18 के लिए शराब दुकानों के नवीनीकरण और नवीन आवंटन के नियमों में बदलाव किया गया है। नए वित्तीय वर्ष के लिए शराब दुकानों का नवीनीकरण वर्तमान दुकानदार के अलावा अब कोई दूसरा व्यक्ति भी करा सकेगा। ऐसा तब होगा जब लाइसेंसधारी वर्तमान दुकानदार अगले वर्ष के लिए दुकान के नवीनीकरण में रूचि नहीं लेता है तो उसके स्थान पर कोई भी व्यक्ति उस दुकान के रिन्युअल के लिए आवेदन कर सकेगा। 

सरकार ने तय किया है कि यदि रिन्युवल के लिए एक से अधिक आवेदन आते हैं तो लॉटरी के माध्यम से एक व्यक्ति का चयन कर उसके नाम पर शराब दुकान का रिन्यूअल कर दिया जाएगा। जो दुकानें नवीनीकरण से बच जाएंगी, उनका आवंटन ई-टेंडरिंग के जरिए किया जाएगा। ई-नीलामी 31 मार्च के बाद की जाएगी।

तो परेशानी क्या है
अब समस्या यह होगी कि ताकतवर शराब ठेकेदार अपने आसपास के इलाकों में अच्छी चलने वाली दुकानों के कमजोर ठेकेदारों पर नवीनीकरण ना कराने का दवाब बनाएंगे। इस खेल में सौदे तो होंगे ही, मोटी कमाई के लालच में अपराध भी होंगे। इस संभावना से कोई इंकार नहीं कर सकता। शराब की दुकानें हथियाने के लिए अपराध पहले भी होते आए हैं। सरकारों से हमेशा यह अपेक्षा की जाती है कि वो कुछ ऐसा सिस्टम बनाए जिससे फायदे वाले सारे ठेके केवल ताकतवर माफियाओं के कब्जे में ना रहें। 

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