सबसे पहले अंग्रेजों ने शुरू किया था स्वच्छ भारत का अभियान

संजय पांडे/इलाहाबाद। देश को साफ सुथरा बनाने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार 'स्वच्छ भारत' अभियान चला रही है। लेकिन देश में स्वच्छता के लिए अंग्रेजों ने काफी पहले पहल कर दी थी। इसके लिए बाकायदा कानून बनाया गया था और उसका कड़ाई से पालन भी करवाया जाता था। लगभग 80 वर्ष पहले तैयार ड्राफ्ट 'बाईलॉज टू कंट्रोल द कंस्ट्रक्शन ऑफ न्यू फैक्ट्री बिल्डिंग एंड द अल्टरेशन आर एडाप्शन ऑफ एक्जिस्टिंग वन' ऐसा ही एक कानून था। जिसे 1937 में गजट किया गया था। इस ड्राफ्ट में नए व पुराने भवनों में टॉइलेट्स के निर्माण और शहर के ड्रेनेज सिस्टम को नियंत्रित करने पर पूरा फोकस था। 4 अगस्त, 1937 को गजट किए गए इस इस कानून में सरकारी ही नहीं प्राइवेट बिल्डिंग्स के लिए भी नियम तय थे।

वर्कर्स की संख्या पर तय थे टॉइलट
कंपनियों और ऑफिस के लिए कर्मचारियों की संख्या के मुताबिक टॉइलेट्स की व्यवस्था करने का नियम था। 25 कर्मचारियों वाले संस्थान में 2 शीट वाले टाइलेट, 50 कर्मचारियों वाले संस्थान में 3 शीट, 50-100 कर्मचारियों वाले संस्थान में 4 शीट, 150-250 कर्मचारियों वाले संस्थानों में 5 शीट और इससे अधिक कर्मचारी होने पर प्रति 50 कर्मचारी एक अतिरिक्त शीट की व्यवस्था का नियम था।

महिला/पुरुष के लिए अलग टॉइलेट
वर्कप्लेस पर महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग टॉइलेट की व्यवस्था का नियम था। साथ ही टायलेट के बाहर यह लिखना जरूरी होता था कि टॉइलेट पुरुष के लिए है या महिला के लिए। ऐसा न किए जाने पर दंड का प्रावधान था। यही नहीं हर टॉइलेट में वेंटीलेशन की पूरी व्यवस्था के निर्देश भी थे।

एमओ करते थे फिटिंग्स की जांच
आज भले ही 'स्वच्छ भारत' अभियान के नाम पर बड़े पैमाने पर स्वच्छता की पहल की जा रही हो लेकिन इस पर नजर रखने के लिए अधिकारी तय नहीं हैं। प्रशासनिक अधिकारियों पर ही इसकी जिम्मेदारी दी गई है। जबकि 1937 में बने कानून में मेडिकल ऑफिसर ऑफ हेल्थ को टॉइलेट की फिटिंग्स की जांच करने का अधिकार दिया गया था। उन्हें यह देखना होता था कि फिटिंग्स कानून के मुताबिक हैं या नहीं। कानून के मुताबिक फिटिंग्स न होने पर उसे कार्रवाई का पूरा अधिकार था।

टॉइलेट से 50 फिट दूर ही कुएं
स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए इस कानून में यह साफ निर्देश था कि टॉइलेट फिटिंग्स से जल श्रोत कम से कम 50 फिट दूर होने चाहिए। कुओं से इतनी दूरी पर ही फिटिंग्स लगाने का नियम था। वहीं बिल्डिंग्स से 25 फिट के अंदर टॉइलेट बनाने होते थे।
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1937 के गजट नोटिफिकेशन में लोकल बाडीज को नियंत्रित करने और इसके अन्तर्गत आने वाले भवनों को लेकर कई नियम बनाए गए थे। इनका पूरा फोकस स्वच्छता पर था। यह नियम आज के 'स्वच्छ भारत' अभियान की तर्ज पर ही थे।
एके अग्निहोत्री, क्षेत्रीय अभिलेख अधिकारी, इलाहाबाद
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