भारत में रेल हादसे करवा रहा है पाकिस्तान, ATS की जांच

नईदिल्ली। भारत में हो रहे रेल हादसे विभागीय अफसरों की गलती नहीं बल्कि पाकिस्तान की साजिश के कारण हो रहे हैं। भारत में हर स्तर पर आतंकी गतिविधियां संचालित कर रहे पाकिस्तान की खुफिया ऐजेंसी आईएसआई इस आॅपरेशन पर काम कर रही है। आईएसआई इसके लिए नेपाली एवं बांग्लादेशी माफिया का उपयोग कर रही है ताकि पकड़े जाने पर कोई पाकिस्तानी सबूत हाथ ना लग पाए। बिहार में ऐसा ही एक मामला सामने आया है। 

बिहार स्थित मोतिहारी में पुलिस ने दावा किया है कि उन्होंने पूर्वी चंपारण से तीन लोगों को गिरफ्तार किया है जो रेलवे को अपना निशाना बनाते थे। पुलिस ने दावा किया है कि उनकी ओर से एक संदिग्ध आईएसआई कनेक्शन का पता लगाय गया है। दावा किया गया है कि उन तीनों से कथित तौर पर आईएसआई से संबंध रखने वाले नेपाल के नागरिक की संलिप्तता की बात कबूल की है। 

पुलिस अधीक्षक मोतिहारी ने जीतेंद्र राणा ने कहा कि आदापुर थाना क्षेत्र से उमा शंकर पटेल, मुकेश यादव और मोती पासवान को गिरफ्तार किया गया है। ये तीनों नेपाल के ब्रजेश गिरी के लिए काम करते थे। पूछताछ के दौरान तीनों ने यह बात कबूल की कि पूर्वी चंपारण के घोड़ासाहन में रेलवे ट्रैक को उड़ाने के लिए आईएसई से संबंधित ब्रजेश गिरी नाम के नेपाली शख्स ने उन्हें तीन लाख रुपए मुहैया कराए थे। राणा ने कहा कि उस वक्त ट्रैक पर लगाए गए बम को गांव वालों की मदद से बरामद कर निष्क्रिय कर दिया गया था। 

दो अन्य अपराधी गजेंद्र शर्मा और राकेश यादव की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है, जिनके पूर्वी चंपारण में छिपे होने की संभावना है। राणा ने कहा कि इस खुलासे की जानकारी एटीएस और अन्य एजेंसियों को दे दी गई है। जांच की जा रही है कि कहीं उत्तर प्रदेश के कानपुर समेत अन्य रेल हादसों में भी इन्हीं की संलिप्तता तो नहीं है।

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