20 जिलों में 4000 गुरूजियों को गुपचुप संविदा शिक्षक बना दिया

मनोज तिवारी/भोपाल। स्कूल शिक्षा विभाग में करीब चार हजार गुरुजी बैकडोर से संविदा शिक्षक वर्ग-3 बन गए। 2008 में संविदा शिक्षक भर्ती परीक्षा में ये सभी असफल हो गए थे, जिन्हें लगभग 20 जिलों में जिला शिक्षा अधिकारी और जनपद पंचायत की मिलीभगत से ये लाभ समय से तीन साल पहले दे दिया गया।

दरअसल इन्हें 2014 में संविदा शिक्षक बनाने का आश्वासन सरकार ने दिया था। अब ये सभी परिवीक्षा अवधि पूरी कर सहायक अध्यापक भी बन गए। अब इन सहायक अध्यापकों को छठवां वेतनमान मिलने के बाद 26 हजार रुपए मिल रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक समय से पहले लाभ लेने वालों की जेब में 5 से 8 लाख रुपए ज्यादा पहुंच गए हैं, जिससे सरकार को करीब 400 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है।

विभाग में दूसरा बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। सूत्र बताते हैं कि 'संविदा शाला शिक्षक चयन परीक्षा 2008" में फेल साढ़े सात हजार गुरुजियों में से डीएड-बीएड योग्यताधारी करीब चार हजार गुरुजी 10 फरवरी-14 की से पहले ही 22 अक्टूबर 2011 को संविदा शिक्षक वर्ग-3 बना दिए गए। पहले साल करीब 700 गुरुजियों ने जिलों में जिला शिक्षा अधिकारी, जनपद पंचायत के सीईओ और इन दफ्तरों के बाबुओं से सांठगांठ कर यह लाभ ले लिया। बाद में इन प्रकरणों को आधार बनाकर 3300 गुरुजी संविदा शिक्षक बन गए।

तीन हजार गुरुजियों को 2014 में मिला लाभ 
तीन हजार गुरुजियों को वर्ष 2014 में संविदा शिक्षक बनाया गया, जिन्हें वर्तमान में पांच हजार रुपए मानदेय मिल रहा है और ये 11 फरवरी 2017 को सहायक अध्यापक बनेंगे। वहीं डीएड-बीएड योग्यता की शर्त पूरी न करने के कारण शेष पांच सौ अब भी गुरुजी ही हैं और उन्हें 3600 रुपए मानदेय दिया जा रहा है। ज्ञात हो कि गुरुजी वर्ष 1997 में 500 रुपए प्रतिमाह मानदेय पर नियुक्त हुए थे।

अफसरों ने नहीं कराई तफ्तीश 
वर्ष 2014 में ये गड़बड़ी सामने आई थी। विभाग के अफसरों ने तफ्तीश की बजाय स्पष्टीकरण जारी कर मामले को दबा दिया। इस कारण वर्ष 2011 से संविदा शिक्षक का लाभ लेने वालों की संख्या बढ़ गई।

इन जिलों में हुई गड़बड़ी 
देवास, खंडवा, मंडला, बड़वानी, अलीराजपुर, छतरपुर, खरगोन, रतलाम, पन्ना, टीकमगढ़, मुरैना, श्योपुर, राजगढ़, सागर, भोपाल, रीवा, दमोह, सीहोर सहित 20 जिलों में ये गड़बड़ी सामने आई है। इनमें से कुछ जिलों में कुछ विकास खंडों (भोपाल के बैरसिया, रीवा के जवां, पन्ना के गुनौर) में ही गड़बड़ी हुई है।

इनका कहना है
इस मामले की शिकायत भी हुई है। 3-4 जिलों के नाम बताए गए हैं। उनमें हम जांच करा रहे हैं। गड़बड़ी पाई गई, तो निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी। 
दीप्ति गौड़ मुकर्जी, सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग 

गुरुजियों को संविदा शिक्षक बनाने में ऐसी गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। ऐसे में सरकार को सभी गुरुजियों को समान मानदेय देना चाहिए। भरत पटेल, मप्र आजाद अध्यापक संघ

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