मप्र | भाजपा की मंत्री ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई के आदेश दिए

दमोह। यहां भाजपा की प्रभारी मंत्री कुसुम मेहदेले एवं भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच तनाव शुरू हो गया है। प्रभारी मंत्री ने कलेक्टर के आदेश दिया है कि वो युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करें क्योंकि युवा मोर्चा कार्यकर्ता जेल में चल रहे कथित भ्रष्टाचार का मामला उठा रहे हैं। मामला जेल में 2 कैदियों के अनशन पर बैठने का है। 

शनिवार को जेलर की शिकायत लेकर जिले की प्रभारी व जेल मंत्री कुसुम महदेले के पास पहुंचे भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं को मंत्री ने खूब खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने जेलर का बचाव करते हुए कहा कि जेल में कुछ भी हो, उन्हें क्या परेशानी है। आगबबूला मंत्री ने कार्यकर्ताओं के सामने ही कलेक्टर को निर्देश दिया कि वे मामले की जांच करें। जांच में यदि जेलर दोषी नहीं पाए जाते तो इन कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई करें। मंत्री के ऐसे व्यवहार से कार्यकर्ता भौचक्के रह गए। उन्होंने गुस्से का इजहार करते हुए मंत्री पर भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए उन्हें जिले के प्रभारी मंत्री पद से हटाने की मांग कर डाली।

शनिवार को ही मंत्री कुसुम महदेले दमोह पहुंची थीं। इसकी सूचना मिलते ही भाजपा युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष प्रीतम सिंह लोधी अनेक कार्यकर्ताओं के साथ जेलर की शिकायत करने सर्किट हाउस पहुंचे थे। यहां जेलर राणा पहले से मौजूद थे। भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने जैसे ही मंत्री से जेलर की शिकायत की तो वह बिफर गईं।

भ्रष्टाचारियों का साथ दे रहीं मंत्री
भाजयुमो जिलाध्यक्ष ने जेल मंत्री महदेले पर आरोप लगाया है कि वे भ्रष्टाचारियों को संरक्षण दे रहीं हैं। पिछले एक सप्ताह से जिला जेल के जेलर राणा पर गंभीर आरोप लग रहे हैं। वित्तमंत्री जयंत मलैया को मामले की जानकारी दी गई थी, तो उन्होंने तत्काल कलेक्टर को कार्रवाई के लिए कहा था, लेकिन जिन मंत्री का ये विभाग है वे उस जेलर का बचाव कर रहीं हैं। ऐसे में जेल के भीतर कैदियों से अवैध वसूली व अन्य व्यवस्थाएं कैसे दुरूस्त होंगी। ऐसी मंत्री को जिले का प्रभारी मंत्री नहीं होना चाहिए। युवा मोर्चा उनका विरोध करेगी और मांग करेगी कि कुसुम महदेले को जिले के प्रभारी मंत्री पद से अलग किया जाए।

यह है पूरा मामला
पिछले रविवार की सुबह जेल के दो कैदी बबलू खान और अजय तिवारी के अनशन पर बैठने की खबर आई थी। सूत्रों से पता चला था कि दोनों से जेल में किसी धरमू नाम के कैदी ने मारपीट की थी। इसका कारण दोनों के जेलर द्वारा की गई रुपयों की डिमांड को पूरा करने से इंकार करना बताया गया था। वहीं, इन आरोपों को खारिज करते हुए जेलर ने कहा था कि बबलू खान जेल में गांजा पीते पकड़ा गया है और अजय तिवारी ने पत्थर मारकर जाली तोड़ दी। उन्होंने ये भी बताया कि दोनों खाना खा रहे हैं। अगले दिन खबर मिली कि दोनों कैदी अनशन पर डटे हैं और बुधवार की रात जेलर राणा दोनों को मनाने पहुंचे थे, लेकिन वे नहीं माने। 

इसके अगले दिन भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने वित्तमंत्री जयंत मलैया को मामले की जानकारी दी, जिसके बाद उन्होंने कलेक्टर से शीघ्र कार्रवाई के लिए कहा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। शुक्रवार को फिर खबर मिली कि एक कैदी बबलू खान ने अनशन तोड़ दिया। इसके बाद रात में दूसरे कैदी पर दबाव बनाकर अनशन तुड़वा दिया गया।

फरेब से अनशन तुड़वाने का आरोप
अनशन पर डटे कैदी अजय तिवारी को पहले ये बताया गया कि जेलर राणा का ट्रांसफर हो गया है, जब उसे विश्वास नहीं हुआ तो एक फर्जी ट्रांसफर लेटर भी उसे दिखाने की खबर है। इसके बाद भी वह नहीं माना तो उसे धमकाया गया, जिसके बाद उसने खाना खा लिया। जेल के डॉक्टर एनके पटेल ने भी एक कैदियों के अनशन की पुष्टि की थी। शुक्रवार रात उन्होंने बताया था कि दोनों कैदियों का मेडिकल परीक्षण किया गया है। कैदी बबलू ने अनशन तोड़ दिया है, लेकिन अजय तिवारी अब तक अनशन पर है।

भाई ने भी की अवैध वसूली व मारपीट की पुष्टि
शनिवार सुबह कैदी अजय का भाई अभय उससे मिलने जेल पहुंचा। वहां से लौटने के बाद उसने भी बताया कि जेलर ने अवैध वसूली के कारण उसके भाई को पिटवाया था, जिसके बाद वह अनशन पर है। उसे जबरन खाना खिलाया गया है। उसे यह भी धमकी दी गई कि यदि वह खाना नहीं खाएगा तो उसे किसी दूसरे जिले की जेल भेज दिया जाएगा। शाम को कैदी के भाई ने नईदुनिया को फोन कर बताया कि उसे खबर दी गई है कि उसके भाई को सतना जेल में शिफ्ट किया जा रहा है। अभय का आरोप है कि भाई को दूसरे जेल में शिफ्ट कर जेलर अपनी कारगुजारी पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं।

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