गाड़ी का रजिस्ट्रेशन हो ना हो, बीमा क्लैम तो देना ही होगा: उपभोक्ता फोरम

सागर। घर के सामने से चोरी हुई चार पहिया गाड़ी का आरटीओ में रजिस्ट्रेशन नहीं होने के कारण क्षतिपूर्ति दावा निरस्त करने के मामले में जिला उपभोक्ता फोरम ने बीमा कंपनी को उपभोक्ता को दो माह के अंदर 7 लाख 6 हजार 250 रुपए का भुगतान करने के आदेश दिए हैं। साथ ही दावा निरस्त किए जाने की तारीख से भुगतान करने तक 8 फीसदी वार्षिक ब्याज भी लगाया है। 

अधिवक्ता अनिल समैया ने बताया कि श्रीराम नगर निवासी अशोक चौबे ने सुपर ऑटोमोबाइल के सब डीलर अनिल शर्मा मकरोनिया से चार पहिया टवेरा गाड़ी फाइनेंस कराई थी। गाड़ी का बीमा स्टेशन रोड स्थित न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी से कराया गया था। सुपर ऑटोमोबाइल के डीलर और सब डीलर ने बार-बार मांग करने के बाद भी अशोक को गाड़ी के संपूर्ण दस्तावेज नहीं दिए। इस कारण वह आरटीओ में गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाया। इससे गाड़ी का उपयोग नहीं हो सका और वह घर के सामने खड़ी रही। 

18 अगस्त 2013 के रात घर के सामने से गाड़ी चोरी हो गई। गोपालगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराकर तमाम औपचारिकताएं पूरी कराई गईं। इसके बाद बीमा कंपनी में क्षतिपूर्ति दावा पेश किया गया। कंपनी ने जांच कराने के बाद 20 फरवरी 2015 को दावा निरस्त कर दिया। अशाेक ने जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष सुबोध जैन, सदस्य अनुभा वर्मा और मीनाक्षी सिंह के समक्ष परिवाद पेश किया। तीनों पक्षों को सुनने के बाद फोरम ने बीमा कंपनी को उपभोक्ता को विभिन्न मदों में दो माह के अंदर 7 लाख 6 हजार 250 रुपए क्षतिपूर्ति देने के आदेश दिए। 

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