लिफाफे में बंद शिवराज सिंह का भविष्य सुप्रीम कोर्ट में पेश

नई दिल्ली। मप्र का बहुचर्चित व्यापमं घोटाला एक बार फिर सुखियों में आ गया है। मामले से जुड़ी चर्चित हार्डडिस्क और पेन ड्राइव की सीएफएलएल रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी गई है। यह बंद लिफाफे में है। माना जा रहा है कि लिफाफे में शिवराज सरकार का भविष्य भी बंद है। उम्मीद है 15 दिसम्बर को लिफाफा खुलेगा। सबको इस लिफाफे के खुलने का इंतजार है। 

सीबीआई से जुडे सूत्रों की मानें तो सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट के खुलासे के बाद जांच कुछ नया मोड़ ले सकता है। वहीं रिपोर्ट को लेकर केस से व्हीसल ब्लोअर भी काफी उत्साहित है। उनका मानना है कि जांच रिपोर्ट में वह सब कुछ सामने आ जाएगा, जिसे वह लंबे समय से कोर्ट के सामने सिद्ध करने की कोशिश कर रहे थे।

इस मामले को लेकर व्हीसल ब्लोअर और उनके अधिवक्ता उस समय सक्रिय हुई, जब उन्हें यह पता चला कि सीबीआई ने जांच रिपोर्ट कोर्ट को सौंप दी है। इसके बाद तो व्हीसल ब्लोअर्स की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और विवेक तन्खा ने कोर्ट ने इस मामले की जल्द सुनवाई की मांग की।

जिसके बाद सुनवाई की तारीख में बदलाव करते हुए उसे जनवरी के बजाय अब दिसंबर में करने का फैसला लिया गया। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी चर्चित हार्डडिस्क और पेन ड्राइव की सीएफएसएल रिपोर्ट आने में देरी हो रही थी। इस दौरान कोर्ट ने एक बार सीबीआई को फटकार भी लगाई। साथ ही रिपोर्ट छह हफ्तों में पेश करने को कहा। हालांकि सीबीआई इस समयसीमा में भी रिपोर्ट न देते हुए और समय मांग लिया था।

स्टेट्स रिपोर्ट पर भी उठेगा सवाल
सुप्रीम कोर्ट इस दौरान सीबीआई द्वारा पेश की जाने वाली स्टेट्स रिपोर्ट की देरी पर भी सवाल खड़े कर सकता है। केस से जुड़े व्हीसल ब्लोअर और उनके वकीलों को कहना है कि सीबीआई तय समय पर कोर्ट को रिपोर्ट पेश कर रही है। ऐसे में पूरी जांच कितनी सुस्त चल रही है, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। बता दें कि व्यापमं घोटाले की जांच कर रही सीबीआई को कोर्ट ने समय-समय पर स्टेट्स रिपोर्ट देने को कहा है।

पेन ड्राइव और हार्डडिस्क में घोटाले की सच्चाई के छिपे होने का दावा
व्हीसल ब्लोअरों के मुताबिक यह ऐसी पेन ड्राइव और हार्डडिस्क है, जिसमें व्यापमं घोटाले की असली हकीकत छिपी हुई है। दावा यह भी है कि अब तक जांच में जो जानकारी सामने आयी है, उनमें छेड़छाड की गई है। साथ ही तमाम ऐसे लोगों के नाम भी सामने आएंगे, जो घोटाले में शामिल थे, लेकिन लिस्ट से उनके नाम हटा दिए गए है।

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