प्रमोशन में आरक्षण: सुप्रीम कोर्ट में अजाक्स की याचिका खारिज, सपाक्स की आपात बैठक

भोपाल। पदोन्नति में आरक्षण के महत्वपूर्ण प्रकरण में आज माननीय सर्वोच्च न्यायालय में आज पुनः 04 नई याचिकायें लगाई गयी है। इनमें से 01 राज्य सरकार द्वारा, 01 अजाक्स द्वारा तथा 02 आरक्षित वर्ग के अन्य पक्षकारों द्वारा व्यक्तिगत हैसियत से दायर की गई। इन याचिकाओं पर आज दिनांक 02.12.2016 को माननीय सर्वोच्च न्यायालय में हुई सुनवाई में शासन की ओर से देश के मंहगे वकील श्री हरीश सालवे, अजाक्स की ओर से श्रीमती इन्द्राजय सिंह तथा अन्य 02 याचिकाओं में क्रमशः श्री वेणुगोपाल तथा श्री संजय हेंगड़े (सेवानिवृत्त न्यायाधीश) उपस्थित हुये। जिनकी एक सुनवाई में उपस्थित होने की फीस लगभग रू. 50.00 लाख से अधिक होगी। 

इन याचिकाओं को दायर करने की एकमात्र मंशा प्रकरण में नये पक्षकारों को जोड़कर उसकी सुनवाई में विलंब कराना था किन्तु सपाक्स के अधिवक्ताओं द्वारा उक्त याचिकाओं में उल्लिखित विषय पूर्व से प्रचलित ‘‘पदोन्नति में आरक्षण’’ प्रकरण में सम्मिलित होने के कारण याचिकाओं को अस्वीकार करने का अनुरोध किया गया।

बहस के उपरांत माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अजाक्स की याचिका को खारिज कर दिया जबकि अन्य 03 याचिकाओं मेें निर्देशित किया की वे वर्तमान में चल रहे प्रकरण की सुनवाई के दौरान ही अपना पक्ष रखें, जिसकी सुनवाई दिनांक 07.12.2016 को नियत है।

सरकार द्वारा खुले आम की जा रही एक पक्षीय कार्यवाही से व्यथित होकर सपाक्स संस्था की प्रांतीय कार्यकारिणी की आपात बैठक दिनांक 02.12.2016 को आयोजित की गयी जिसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि यदि सरकार द्वारा 07 दिसम्बर 2016 को नियत सुनवाई में किसी भी प्रकार का अवरोध पुनः उत्पन्न किया जाता है तो जिस प्रकार पदोन्नति में आरक्षण पर माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा 30 अप्रैल 2016 को दिये गये निर्णय के उपरांत सरकार के एक पक्षीय रवैये के कारण संस्था के बैनर के तले प्रदेश स्तरीय विरोध प्रदर्शन के कार्यक्रम पूर्व में किये गये थे उसी प्रकार से प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन पुनः प्रारंभ किये जावेगा। 

कार्यकारिणी द्वारा सरकार के असंवैधानिक विषय के समर्थन में अजाक्स को संतुष्ट करने हेतु गैर शासकीय अधिवक्ताओं की नियुक्ति पर किये जा रहे शासकीय धन के दुरूपयोग पर निंदा प्रस्ताव भी पारित किया गया। सरकार की वर्ग विशेष के पक्ष में तथा बहुसंख्यक वर्ग की उपेक्षा के विरोध में समस्त जिला एवं विकासखण्ड इकाईयों को जिला कलेक्टर एवं स्थानीय विधायकों के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री को पुनः ज्ञापन सौंपने का निर्णय भी लिया गया। सपाक्स समाज को सरकार द्वारा की जा रही एक पक्षीय कार्यवाही के बारे में अवगत कराते हुये सरकार के इस रवैये से हो रहे नुकसान की जानकारी से अवगत कराये जाने का निर्णय भी कार्यकारिणी की बैठक में लिया गया। 

सपाक्स की प्रदेश कार्यकारिणी के प्रतिनिधि मंडल द्वारा सरकार के एक पक्षीय रवैये के विरोध में माननीय मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन श्री राजेन्द्र शुक्ल, माननीय मंत्री, म.प्र. शासन खनिज साधन एवं उद्योग व्यापार विभाग को आज दिनांक 02.12.2016 को सौंपा गया तथा प्रकरण में जल्द सुनवाई हेतु माननीय मंत्री महोदय से अनुरोध भी किया गया।

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