सरकारी डॉक्टर ने पैसे लेकर घर पर ही आॅपरेशन कर दिया, मरीज को लीवर कैंसर हो गया

सिवनी। बरघाट थाना क्षेत्र स्थित बरघाट सामुदायिक अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर योगेश अग्रवाल द्वारा किए गये ऑपरेशन से गुदमा गांव निवासी शेर सिंह पिता नंदेश्वर बरकड़े (55) की हालत संक्रमण की वजह से गंभीर हो गई है। शासकीय डॉक्टर की हरकत से परेशान शेर सिंह के परिजनों ने थाना बरघाट पहुंचकर डॉक्टर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।

पेट दर्द का इलाज कराने गये थे अस्पताल
मरीज शेर सिंह की पत्नी दुर्गा बाई और पुत्र अशोक बरकड़े ने बताया कि शेर सिंह के पेट में दर्द उठ रहा था, जिसके इलाज के लिए वह सितंबर माह के आखिरी दिनों में उसे बरघाट सामुदायिक केंद्र इलाज के लिए ले गये थे। लेकिन अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर योगेश अग्रवाल के मौजूद नहीं होने पर अस्पताल के कर्मचारी मरीज को डॉक्टर के घर ले गए। घर में मौजूद डॉक्टर अग्रवाल ने शेर सिंह की कुछ देर जांच की, जिसके बाद डॉक्टर ने उन्हें बताया था कि शेर सिंह के पेट में मांसपेशियों की गांठ बन गई है। जिस वजह से शेर सिंह पेट दर्द से परेशान हैं।

अधिक खर्च का डर दिखा मरीज को रोका
परिजनों ने बताया कि जांच के बाद डॉक्टर ने उन्हें इस बात का डर दिखाया कि यदि वह शेर सिंह के इलाज के लिए सिवनी जाएंगे तो वहां मौजूद डॉक्टरों द्वारा 18 से 20 हजार रुपए की रकम इलाज के नाम पर वसूली जाएगी। मोटे खर्चे की बात सुनकर मजदूर परिवार सकते में आ गया। इसी दौरान डॉक्टर ने उनकी आर्थिक कमजोरी का फायदा उठाकर उनसे सौदेबाजी शुरू कर दी। बातों ही बातों में डॉक्टर ने उनसे यह कहा कि यदि वह 10 हजार रुपए की व्यवस्था कर दे तो शेर सिंह का ऑपरेशन कर वह उसे अच्छा कर देगा।

अपने ही घर में कर दिया मरीज का ऑपरेशन
परिजनों ने बताया कि डॉक्टर द्वारा 10 हजार रुपए ऑपरेशन के नाम पर मांगे गए तो वह घर लौट आए और किसी तरह 8 हजार रुपए इकठ्ठा किए और वापस बरघाट अस्पताल पहुंचे। जहां डॉक्टर के सामने हाथ जोड़कर मात्र 8 हजार रुपए होने की बात कही, जिस पर डॉक्टर ने 8 हजार रुपए उनसे ले लिए और अस्पताल परिसर में मौजूद अपने आवास में 8 अक्टूबर को शेर सिंह का ऑपरेशन कर मरीज को घर ले जाने की बात कह दी।

इलाज के बाद बिगड़ने लगी मरीज की हालत
ऑपरेशन के बाद परिजन मरीज को लेकर गांव गुदमा वापस चले आए। परिजनों ने बताया कि डॉक्टर ने उनसे कहा था कि चेकअप के लिए उसके पास शेर सिंह को लाते रहे। घर में आराम के दौरान शेर सिंह की हालत बिगड़ने लगी तो वह उसे लेकर वापस बरघाट अस्पताल पहुंचे। जहां डॉक्टर द्वारा बताया गया कि शेर सिंह की हालत गंभीर है। वह उसे इलाज के लिए नागपुर ले जाएं।

डॉक्टरों ने खड़े कर दिए हाथ
परिजनों ने बताया कि वह शेर सिंह को इलाज के लिए नागपुर अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां इलाज के दौरान डॉक्टरों ने पाया कि शेर सिंह के शरीर में संक्रमण काफी हद तक फैल गया है जिस वजह से शेर सिंह लीवर कैंसर से पीड़ित हो गया है। मरीज की गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें वापस घर रवाना कर दिया। परिजन पुन: शेर सिंह को लेकर गांव गुदमा लौट आए और वापस डॉक्टर अग्रवाल के यहां पहुंचे तो उसने उनसे साफ कह दिया कि उसे जो करना था उसने कर दिया, अब वह आगे उसका इलाज नहीं कर सकता। साथ ही डॉक्टर ने मरीज को जबलपुर ले जाने की बात कह दी। जब परिजन जबलपुर मेडिकल पहुंचे तो जांच के बाद डॉक्टरों ने उन्हें यह कहकर वहां से रवाना कर दिया कि मरीज की हालत गंभीर है। वह वापस घर ले जाएं और मरीज के अंतिम दिनों को समझते हुए उसकी सेवा करें।

स्थिति नाजुक देख डॉक्टर ने रख ली मरीज की फाइल
पीड़ित की पत्नी दुर्गा बाई और पुत्र अशोक ने बताया कि जबलपुर मेडिकल के डॉक्टरों द्वारा कही गई बात सुन वह शेर सिंह को लेकर गांव गुदमा लौट आए। इसी बीच डॉक्टर योगेश अग्रवाल ने अपने यहां कार्यरत कर्मचारी को उनके घर भेजकर शेरसिंह की फाइल देखने के बहाने मंगवा ली और अपने पास रख ली। जब वह शेरसिंह को इलाज के लिए सिवनी अस्पताल ले जाने लगे तो उन्होंने डॉक्टर से मरीज की फाइल जंचवाने के लिए मांगी तो डॉक्टर ने स्टडी करने की बात कहते हुए फाइल देने से मना कर दिया।

मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट का इंतजार
बरघाट थाने में पदस्थ एएसआई पाल ने बताया कि परिजनों ने थाने में दिए गए अपने आवेदन में बताया कि डॉ योगेश अग्रवाल द्वारा किए गए आपरेशन से फैले संक्रमण की वजह से मरीज शेरसिंह लीवर कैंसर से पीड़ित हो गया है। अग्रवाल की लापरवाही से मरीज की किसी भी वक्त मौत हो जाएगी। पीड़ित के परिजनों द्वारा की गयी शिकायत की जांच करते हुए पुलिस द्वारा पीड़ित शेरसिंह को इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजा गया है। जहां मेडिकल बोर्ड द्वारा जांच कर जो रिपोर्ट सौंपी जाएगी, उस आधार पर कार्रवाई की जागी।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !