ATM की लाइन में हार्टअटैक से तड़पकर मर गया युवक, लागों ने लाइन नहीं तोड़ी

नईदिल्ली। नोटबंदी ने लोगों की संवेदनशीलता को भी मार डाला है। पश्चिम बंगाल से आ रही एक खबर के अनुसार एटीएम की लाइन में लगे एक सरकारी कर्मचारी को दिल का दौरा पड़ गया। लाइन में लगे बाक़ी लोगों ने उसकी मदद सिर्फ इसलिए नहीं की क्योंकि इसके लिए उन्हें लाइन में अपनी जगह छोड़नी पड़ती। वो वहीं पड़ा तड़पता रहा और उसकी मौत हो गई। 

जानिए क्या है पूरा मामला..
ये घटना कोलकाता से 60 किमी दूर बैंडेल में शनिवार सुबह की है। मृत 53 वर्षीय शख्स का नाम कलोल रे चौधरी है जो राज्य सरकार के कर्मचारी थे। बता दें कि कलोल कूचबिहार में लैंड रेवेन्यू ऑफिस में काम करते थे। दिल का दौरा पड़ने के बाद कलोल एटीएम के नजदीक 30 मिनट तक दर्द से तड़पते रहे। जब तक उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया, उनकी मौत हो चुकी थी। उनके परिवार ने मौके पर मौजूद लोगों पर अनदेखी का आरोप लगाया और कहा कि कलोल बच जाते अगर उन्हें वक्त पर अस्पताल पहुंचाया गया होता। सीएम ममता बनर्जी ने इस घटना को 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताते हुए पूछा कि क्या 'मोदी बाबू' यह सब देख पा रहे हैं?

गौरतलब है कि कलोल कोलकाता के बेहाला स्थित अपने घर जा रहे थे। वह एटीएम की लाइन में लगने के लिए बैंडल स्टेशन के नजदीक रुके। यहां वह ट्रेन बदलने के लिए रुके थे। उस वक्त उनका एक दोस्त भी साथ था। सुबह सात बजे के करीब वह लाइन में लगे। इसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। वह अपनी छाती पकड़े-पकड़े जमीन पर लेट गए। उनके दोस्त ने वहां मौजूद लोगों से मदद मांगी। कुछ दुकानदार मदद के लिए आगे तो आए लेकिन किसी ने डॉक्टर बुलाने या उन्हें अस्पताल पहुंचाने की कोशिश नहीं की। सुबह साढ़े सात बजे के करीब किसी ने एम्बुलेंस की व्यवस्था की और चौधरी को अस्पताल पहुंचाया। वहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। कलोल के दोस्त ने बताया कि मौके पर मौजूद लोगों ने मदद सिर्फ इसलिए नहीं की क्योंकि वे एटीएम की लाइन में अपनी जगह नहीं छोड़ना चाहते थे। 

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