छोटे शहरों में कुछ इस तरह खपाया जा रहा है करोड़ों का कालाधन

ललित मुदगल@एक्सरे। देश में नोटबंदी की घोषणा के कारण 3 तरह की योजनाएं अघोषित रूप से स्वत: ही लांच हो गईं। पहली किसानों की केसीसी पर दस टका माफी, दूसरी देश में छोटे व्यापारियों को बिना ब्याज का लोन और कालाधन को दस से बीस प्रतिशत में सफेद करने की अघोषित योजना। 

कैसे मिल रही है किसानों को कैसीसी पर 10 टका माफी
करोड़ों किसानों के केसीसी खाते है और पिछले 3 साल से फसलें बर्बाद होने के कारण किसान की आर्थिक हालत बहुत खराब है। केसीसी का बकाया चल ही रहा है। नोटबंदी की घोषणा के बाद कालाधन के स्वामी अपने विश्वसनीय किसानों के केसीसी खाते में कालाधन जमा कर रहे है और किसानों से तय शुदा रकम का पीडीसी चैक ले रहे है। इतना ही नहीं इसके बदले किसानों को 10 से 20 प्रतिशत की छूट भी दी जा रही है। किसान खुश है, क्योंकि सरकारी डंडे से बचत। केसीसी अकाउंट से फिर लोन उठाने की सुविधा और 10 टका की माफी अलग। 
बिना ब्याज का बिजनेस लोन
बाजार में छोटे व्यापारियों को कालेधन के स्वामी अब बिना ब्याज के लोन दे रहे है। लोन पुराने नोटों की शक्ल में मिल रहा है परंतु इस लोन पर एक साल तक कोई ब्याज नहीं लगाया जाएगा। इसके बाद भी मात्र 1 प्रतिशत ब्याज लिया जाएगा। इस तरह काले कारोबारियों की मोटी रकम बाजार में खप रही है। छोटा व्यापारी लोन की रकम को आसानी से अपने खातों में दिखा सकता है। उसे भी कोई परेशानी नहीं है। 

10 प्रतिशत कमीशन पर नोट बदली
यह एक नया रोजगार पैदा हुआ है। गरीब, भिखारी, स्टूडेंट्स को पकड़ा जा रहा है। बैंकों की लाइन में आपको यही वर्ग सबसे ज्यादा खड़ा दिखाई देगा। इन्हे रुपए के पुराने नोट बदलकर नए नोट लाने के काम पर लगाया गया है। बदले में करीब 10 प्रतिशत कमीशन दिया जा रहा है। इन दिनों बेरोजगार हुए मजदूर भी इस काम में लग गए हैं। सिर्फ लाइन में लगने का 400 रुपए। ( पढ़ते रहिए bhopal samachar हमें ट्विटर और फ़ेसबुक पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।)

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