भोपाल। थाने से 2 शराबियों को छुड़ा ले जाने के मामले में महापौर आलोक शर्मा फंसते ही जा रहे हैं। हालांकि उनका पॉलिटिकल बैक तगड़ा है। सीएम हाउस की तरफ मुंह करके बैठे पुलिस अफसर भी उनके साथ हैं परंतु उनके विरोधी भी कम नहीं हैं। ताजा वीडियो में वो थाने के भीतर पुलिस कर्मचारियों को धमकाते नजर आ रहे हैं।
मामला 22 अक्टूबर की रात का है। टीटी नगर पुलिस ने शराब पीकर हंगामा करने के आरोप में दो युवकों को हिरासत में लिया था। कुछ देर बाद महापौर अपने लोगों के साथ थाने पहुंच गए और दोनों युवकों को अपना समर्थक बताते हुए छुड़ा ले गए। घबराई पुलिस ने दोनों शराबियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की और ना ही पुलिस हिरासत से कैदियों को जबरन मुक्त करा ले जाने वाले महापौर के खिलाफ कोई कार्रवाई हुई। पुलिस जांच में भी आलोक शर्मा को निर्दोष बताया गया।
महापौर आलोक शर्मा का बचाव करते हुए दलील दी गई है कि उन्होंने फोन पर थाने में बात की थी। तब शराबियों को छोड़ने के बदले 1 लाख रुपए रिश्वत की मांग की गई थी। इसी बात से गुस्साए आलोक शर्मा थाने पहुंचे थे। यहां सवाल यह है कि जिस व्यक्ति ने महापौर से रिश्वत मांगी, उसका नाम अब तक उजागर क्यों नहीं किया गया। दूसरा यदि रिश्वत मांगी गई थी तो शिकायत उच्चाधिकारियों से करना था। खुद न्याय करने थाने क्यों जा पहुंचे। ( पढ़ते रहिए bhopal samachar हमें ट्विटर और फ़ेसबुक पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।)