गैंगरेप पीड़िता से पुलिस ने पूछा: सबसे ज्यादा मजा किसके साथ आया

केरल में गैंगरेप पीड़ित एक महिला से पुलिस ने ऐसे सवाल पूछे कि पीड़ित महिला ने केस वापस लेने का फैसला किया है। केरल में अपने पति के दोस्तों की ओर से कथित रूप से गैंगरेप की शिकार बनाई गई महिला का आरोप है कि पुलिस की ओर से अपमानित किए जाने की वजह से उसे मजबूरन अपनी शिकायत वापस लेनी पड़ी।

प्रसिद्ध डबिंग आर्टिस्ट भाग्यलक्ष्मी ने इस संबंध में फेसबुक पर एक पोस्ट किया है, जिसमें बताया गया कि एक पुलिस अधिकारी ने उस महिला से पूछा कि 'उनमें से किसने तुम्हें सबसे ज्यादा आनंद दिया?' इस फेसबुक पोस्ट को कई लोगों ने साझा किया, जिसके बाद मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन के दफ्तर ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए कार्रवाई का वादा किया है।

मुख्यमंत्री और केरल के पुलिस प्रमुख भी उस महिला से मिलेंगे
पीड़ित महिला और उसका पति गुरुवार को लोगों के सामने आए और अपनी कहानी बयां की। 35 वर्षीय महिला ने कहा कि मैं पुलिस केस नहीं चाहती थी, क्योंकि पुलिस हमें अपमानित करती रही है। रेप से ज्यादा, पुलिस की धमकियां और ज्यादतियां बर्दाश्त से बाहर हो गई थीं। भाग्यलक्ष्मी ने अपने पोस्ट में लिखा कि महिला जब अपने पति के साथ उनसे मिलने आई, तो उसके आंसू रोके नहीं रुक रहे थे। हाल ही में टेलीविजन पर एक परिचर्चा में भाग्यलक्ष्मी को देखने के बाद उनसे संपर्क किया था।

तिरुवनंतपुरम से करीब 280 दूर स्थित त्रिशूर की रहने वाली 35 वर्षीय महिला ने उन्हें बताया कि दो साल पहले उनके पति जब बाहर गए हुए थे, तब उनके चार दोस्त घर आए और कहा कि उनके पति अस्पताल में है। वह उन पर भरोसा करती थी... इसलिए वह उनके साथ चली गई, लेकिन वे कार को दूसरे रास्ते पर ले जाते हुए शहर के बाहर ले गए और वहां बारी-बारी से उस महिला के साथ बलात्कार किया। उनमें से एक शख्स एक राजनीतिक पार्टी में उच्च पद पर तैनात है।' उन्होंने लिखा कि महिला ने बताया कि वह इतने दर्द और सदमे में थी कि तीन महीनों के बाद अगस्त में अपने पति को आपबीती सुना पाई।

इसके बाद पति के जोर डालने पर उसने पुलिस में शिकायत की, तो पुलिस ने उन चारों आरोपियों को थाने बुलाया और उलटा पीड़िता को ही प्रताड़ित करने के लिए कई अपमानजनक सवाल पूछा। भाग्यलक्ष्मी ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि चूंकि उसने तीन महीने बाद शिकायत दर्ज कराई थी और इस वजह से अपना केस कमजोर होने की सोच कर और पुलिस की ओर से बार-बार अपमानित किए जाने की वजह से उसने अपना केस वापस ले लिया। उसने कहा कि जिशा और सौम्या खुशकिस्मत थी जो मर गईं, नहीं तो उन्हें ऐसे ही अपमान सहना पड़ता।

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