छतरपुर: मौत से दर्दनाक थी इस बच्चे की जिंदगी, विदेशी इलाज भी बचा नहीं पाया

भोपाल/छतरपुर। कॉन्गेनाइटल मायोथेरेपी नामक बीमारी से जूझ रहे 13 साल के महेंद्र अहिरवार की मौत हो गई है। दुनिया का सबसे बेहतरीन इलाज भी उसकी गर्दन को ठीक नहीं कर पाया। उसकी जिंदगी मौत से भी ज्यादा दर्दनाक थी। खुद माता पिता उसकी मौत की दुआएं कर रहे थे और अंतत: वो चल बसा। ये वही बच्चा था जिसकी गर्दन जन्म से ही 180 डिग्री तक झुकी हुई थी। बच्चे का इलाज कराने के लिए लंदन के लिवरपूल से जूली जोन्स नाम की एक महिला आगे आई थी। 

एक अखबार में आई खबर के अनुसार सर्जरी के आठ महीने बाद शनिवार (5 नवंबर) को महेंद्र की मौत हो गई है। महेंद्र की मां सुमित्रा (36) ने बताया कि सर्जरी के बाद से उसकी हालत में काफी सुधार था, लेकिन बीच-बीच में वह बीमार पड़ जाता था। शनिवार को वह लेटे-लेटे टीवी देख रहा था, इसी बीच लगभग 3 बजे के आसपास उसकी मौत हो गई।

मां बाप चाहते थे मौत...
बीमारी के इलाज के लिए महेंद्र के गरीब मां-बाप ने कई डॉक्टरों से बात की थी, लेकिन जान को खतरा इतना था कि ऑपरेशन के लिए कोई तैयार नहीं हुआ। उसकी गर्दन 180 डिग्री तक मुड़ी हुई थी और कोई भी डॉक्टर खतरा उठाने को तैयार नहीं था। महेंद्र के मां-बाप को उसकी जिंदगी बोझ लगने लगी थी और वो भी उसके लिए मौत मांगने लगे थे। वह खाना खाने, घूमने और यहां तक कि नहाने और बाथरूम जाने से लाचार हो गया था।

विदेशी महिला ने कराई थी सर्जरी
रिपोर्ट्स के मुताबिक जूली नाम की एक विदेशी महिला ने जब महेंद्र के बारे में पढ़ा तो उसके रौंगटे खड़े हो गए। जूली ने कहा था कि यदि ये मेरे बच्चों के साथ होता तो मुझे कैसा लगता। यह सोचकर उसी वक्त इलाज कराने का फैसला कर लिया था। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पेज बनाकर उसके इलाज के लिए करीब 12 लाख रुपए का फंड भी जुटाया था।

गर्दन सीधी होने पर तेज हो गई थी आवाज
करीब आठ महीने पहले महेंद्र का ऑपरेशन दिल्ली के अपोलो अस्पताल में फेमस स्पाइनल सर्जन डॉ. राजगोपालन कृष्णन ने किया था। डॉक्टरों ने उसकी गर्दन से एक डिस्क हटाकर उसकी जगह उसके पेल्विस से ली गई हड्डी का ग्राफ्ट लगाया था। इसके अलावा मेटल प्लेट की मदद से उसकी गर्दन को सीधा कर दिया था। डॉक्टर्स के अनुसार गर्दन सीधी होने के बाद अब उसकी आवाज भी पहले की अपेक्षा तेज हो गई थी। 

महेंद्र और जूली पर बनी थी डॉक्यूमेंट्री
ब्रिटेन के चैनल-5 पर एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी पिपुल सीरीज में महेंद्र और जूली पर बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म को दिखाया गया था। इसमें दिखाया गया था कि कैसे महेंद्र के लिए एक विदेशी महिला आगे आई और उसका ऑपरेशन कराया। इसके अलावा फिल्म में डॉक्टर द्वारा 10 घंटे तक लगातार किए ऑपरेशन को भी दिखाया गया था।
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