बोर्सोन्गांव। नोटबंदी के कारण नए नोटों की किल्लत के चलते असम के बोर्सोन्गांव के लोग अपने दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए भूटानी मुद्रा का इस्तेमाल कर रहे हैं। स्थानीयों ने मीडिया को बताया कि उन्होंने पड़ोसी देशों की मुद्रा के इस्तेमाल का फैसला किया क्योंकि नौ दिनों तक नए नोटों के लिए हर दिन लाइन में खड़े रहना व्यर्थ रहा।
लोगों के मुताबिक किराना, दूध, सब्िजयां व अन्य दैनिक जरूरतों के लिए उनको पैसे की जरूरत होती है। उन्हें रुपयों के बदले में भूटान की मुद्रा नोंग्त्रुम स्वीकारे में कोई परेशानी नहीं है क्योंकि इन देशों के बीच व्यापार के लिए भारतीय और भूटानी मुद्रा सीमा के दोनों तरफ उपयोग की जाती है।
जिला अधिकारी का कहना है कि इस तरह के लेनदेन के बारे में कोई आधिकारिक सूचना नहीं है लेकिन उनके मुताबिक वे ऐसी रिपोर्ट्स की जांच कर रहे हैं। इसी तरह की रिपोर्ट भूटान सीमा के पास पश्िचम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले से भी सुनने को मिली है।