यह है भारत में अचानक नोटबंदी की असली वजह

नईदिल्ली। नोटबंदी के मामले को भले ही कालेधन से जोड़कर प्रचारित किया जा रहा हो परंतु यह हमला सीधे पाकिस्तान पर था। पाकिस्तान के पेशावर में नकली नोटों का एक बड़ा कारखाना चल रहा था। वहां 500 एवं 1000 के नकली नोट बनाए जा रहे थे और तस्करी के माध्यम से भारत भेजे जा रहे थे। नोटबंदी से पाकिस्तानी नोट तस्करों का पूरा रैकेट बर्बाद हो गया है। जिन्हे पाकिस्तान सरकार की सरपरस्ती हासिल थी। 

मीडिया सूत्रों के मुताबिक रॉ, आईबी और डीआरआई ने खुफिया रूप से पिछले कुछ महीनों में छप रहे नोटों की जांच की है। एजेंसियों ने सरकार और रिजर्व बैंक को पहले ही इस बात की जानकारी दी थी कि पाकिस्तान के पेशावर शहर में भारतीय नकली नोट छापने के लिए एक छापाखाना बनाया गया है। इसमें छापे जाने वाले नोटों में अधिकांश 500 और हजार के हैं। एजेंसियों का दावा है कि नकली नोट का यह छापाखाना पाकिस्तान सरकारी की खुफिया एजेंसी आईएसआई की निगरानी में काम कर रही है। वह अपने नेटवर्क के जरिए इसे भारत में पहुंचाती है और फिर खपाने का प्रयास करती है। ( पढ़ते रहिए bhopal samachar हमें ट्विटर और फ़ेसबुक पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।)

मशीन भी नहीं पकड़ सकती थी नकली नोट 
500 और 2000 के जो नए नोट आए हैं उस पर एजेंसियों का दावा है कि इन नोटों में जो सुरक्षा मापदंड अपनाए गए हैं, आने वाले कुछ वक्त तक उनकी नकल करना पाकिस्तान और दूसरे आपराधिक नेटवर्क्स के लिए लगभग नामुमकिन है। रिजर्व बैंक और सरकार को सौंपी रिपोर्ट में एजेंसियों ने दावा किया था कि कुछ साल पहले पाकिस्तानी मशीनरी ने नकली भारतीय नोट छापने में जीरो एरर हासिल कर लिया था। मतलब यह कि यह नकली नोट इस तरह से तैयार किए जा रहे थे कि उन्हें मशीनें भी नहीं पकड़ सकतीं थीं।  ( पढ़ते रहिए bhopal samachar हमें ट्विटर और फ़ेसबुक पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।)

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