उत्तरप्रदेश। गोरखपुर में नोटबंदी की वजह से दिहाड़ी मजदूर नसबंदी कराने में जुट गए है. जहां ये मजदूरों को नसबंदी कराने पर 1000 रुपए का चेक मिल रहा है और काम नहीं होने की वजह से उनके पास आराम करने का पूरा समय.
बता दें, कि नोटबंदी के बाद से अब तक 38 दिहाड़ी मजदूर नसबंदी के लिए प्रेरित करने वाली पीएसआई संस्था के पास आकर नसबंदी करा चुके हैं. इनमें से कुछ मजदूरों ने पूछने पर साफ बताया कि उनकी नसबंदी कराने की वजह नोटबंदी है.
गोरखपुर में पॉपुलेशन सर्विस इंटरनेशनल नाम की संस्था राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर दिहाड़ी मजदूरों को नसबंदी के लिए प्रेरित करती है. पीएसआई के टीम लीडर संदीप पाण्डेय ने बताया कि 8 नवंबर को नोटबंदी के बाद से नसबंदी कराने के लिए आने वाले मजदूरों की संख्या में इजाफा हुआ है.
वहीं प्रकाश सर्जिकल क्लीनिक पर नसबंदी कराने आए दिहाड़ी़ मजदूर रमेश और राजकुमार बताते हैं कि नोटबंदी के कारण उन्हें काम नहीं मिल रह है. यही वजह है कि वे यहां पर नसबंदी कराने के लिए आए हैं.