प्राइवेट अस्पतालों ने नहीं माना मोदी का आदेश, बड़े नोट लेने से इंकार किया

नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा था कि अस्पतालों में 11 नवम्बर की रात 12 बजे तक 500 और 1000 रुपए गैरकानूनी घोषित किए गए नोट प्रचलन में रहेंगे परंतु प्राइवेट अस्पताल के संचालकों ने मोदी का आदेश मानने से इंकार कर दिया। वो बड़े नोट स्वीकार करने को तैयार नहीं। 

ताजा मामला कहीं और नहीं बल्कि मोदी सरकार की नाक के नीचे ग्रेटर नोएडा का है। यहां स्थित शारदा हॉस्पिटल में हार्ट अटैक के मरीज से अस्पताल के कैशियर ने 500 और 1000 के नोट स्वीकार करने से साफ इनकार कर दिया। जब मरीज यशपाल के घरवालों ने उससे नए नोट नहीं होने की असमर्थता जताते हुए प्रधानमंत्री के भाषण में अस्पतालों में मरीजों से नोट स्वीकार करने की बात बताई तो उसने अस्पताल प्रशासन के आदेश का हवाला देकर नोट लेने से इनकार कर दिया।

गौरतलब है कि मंगलवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भ्रष्टाचार, काले धन और सीमा पार से होने वाली नकली नोटों की तस्करी पर लगाम लगाने के लिए यह कदम आवश्यक है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने इस बात को पूरी तरह साफ कर दिया था कि आवश्यक सेवाओं जैसे एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस अड्डे और अस्पतालों डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन पर खरीदी जाने वाली दवाई के लिए 500 और 1000 रुपए के नोट मान्य रहेंगे। 

बावजूद इसके उपरोक्त स्थानों पर नोट अस्वीकार किए जा रहे हैं। रेलवे स्टेशनों पर छुट्टा ना होने का बहाना बनाकर नोट अस्वीकार किए जा रहे हैं। प्राइवेट अस्पताल साफ इंकार कर रहे हैं और इसी तरह प्राइवेट बस आॅपरेटर्स भी साफ मना कर रहे हैं। मेडिकल स्टोर पर भी यही हालात हैं। ( पढ़ते रहिए bhopal samachar हमें ट्विटर और फ़ेसबुक पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।)

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