अब सरकारी सेवाओं की फीस बढ़ेगी

नई दिल्‍ली। केंद्र सरकार अब सरकारी सेवाओं की फीस बढ़ाने जा रही है। सरकारों ने शुरूआत में कई सेवाओं में शुल्क की व्यवस्था इसलिए की थी ताकि मुफ्त के कारण बेवजह की भीड़ ना आ जाए लेकिन अब सरकार सेवाओं से प्राप्त होने वाली फीस से सेवाओं में होने वाला पूरा खर्चा निकालना चाहती है। यह बिल्कुल मल्टी नेशनल कंपनियों जैसी प्रणाली है। सवाल यह है कि सरकार हर सेवा का पूरा शुल्क लेगी तो टैक्स किस बात का ले रही है। 

पासपोर्ट, लाइसेंस, रजिस्‍ट्रेशन, परीक्षाओं और सरकार द्वारा उपलब्‍ध कराई जाने वाले अन्‍य सेवाओं के लिए आपको ज्‍यादा फीस चुकानी पड़ सकती है। वित्‍त मंत्रालय ने विभागों और मंत्रालयों को मौजूदा सेवाओं के खर्चों को रिकवर करने के लिए उपभोक्‍ता खर्च बढ़ाने को कहा है।

वित्‍त मंत्रालय ने बजट पर विचार-विमर्श शुरू कर दिया है और मंत्रालयों और विभागों से उपभोक्‍ता शुल्‍क बढ़ाकर मौजूदा प्रोजेक्‍ट्स के व्‍यय को पूरा करने के लिए कहा है। एक सरकारी अधिकारी ने बताया ' स्‍वायत्‍त संगठनों को आत्‍मनिर्भरता की ओर बढ़ना चाहिए। एक सेवा को लेकर सरकार कितना सब्‍सिडी दे सकती है?'

उदारहण के लिए यूनियन पब्लिक सर्विस कमिशन सिविल सर्विस एग्‍जाम के लिए 100 रुपए चार्ज करती है। हालांकि जबकि इसके आयोजन में इससे कई गुना ज्यादा का खर्चा आता है। पिछले कई सालों में तो इसकी लागत और कई गुना बढ़ गई है।

अन्‍य सेवाओं के लिए शुल्‍क स्थि‍र रहेंगे या न्‍यूनतम बढ़ोत्‍तरी देखी जाएगी। पासपोर्ट फीस को सितंबर 2012 में संशोधित किया गया था जब फीस बढ़ाकर 1000 से 1500 कर दी गई थी। अधिकांश मामलों में फीस लागत को कवर करने के लिए पर्याप्‍त नहीं है। इतना ही नहीं सरकार ने लाइसेंस के लिए भी सेवा शुल्क बढ़ाने का फैसला किया है। मंत्रालय का मानना है कि सरकार लाइसेंस बनवाने में भी सब्सिडी दे रही है।
Tags

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !