भोपाल के बालिका गृह में रेप पीड़िता लड़की की संदिग्ध मौत

भोपाल। बालिका गृह में रह रही एक रेप पीड़िता लड़की की संदिग्ध मौत हो गई। इस मामले में सभी पक्ष मौत का अलग अलग कारण बता रहे हैं। प्रबंधन का कहना है कि मौत बीमारी की वजह से हुई है जबकि परिजनों का कहना है कि प्रबंधन की प्रताड़ना के कारण मौत हो गई। इसके अलावा बालिका गृह की दूसरी लड़कियों का कहना है कि उसकी बेरहमी से पिटाई की गई थी। इसके बाद उसकी मौत हो गई। मामला संदिग्ध इसलिए भी है क्योंकि प्रबंधन ने मौत की खबर को एक दिन तक छिपाए रखा। जब मामला मीडिया तक पहुंचा तब पुलिस को इंफार्म किया गया। 

लड़की देवास की रहने वाली है। उसकी मां की मौत हो चुकी है। उसके पिता ने उसके साथ रेप किया था। पुलिस ने आरोपी पिता को जेल भेज दिया था जहां उसकी मौत हो गई। 2 माह पहले उसे भोपाल के नहरू नगर स्थित बालिका गृह भेजा गया था। 

प्रबंधन का कहना है कि उसे सात नवंबर से बुखार आ रहा था। उसी दौरान वह पलंग से गिर गई थी जिससे कॉलर बोन टूट गई थी। उसे गंभीर हालत में अस्पताल दाखिल कराया गया जहां उसकी मौत हो गई। भाई अभिषेक और बहन सुशीला का आरोप है कि बहन ने फोन पर कहा था कि उसे प्रताड़ित किया जा रहा है। उससे 80 लोगों का खाना बनाया जाता है नहीं बनाने पर पिटाई होती है। साथ रहने वाली लड़कियों का कहना है कि साथ में रहने वाली लड़कियों से उसका झगड़ा हुआ। इस दौरान उसकी बेलन से पिटाई की गई थी।

बेहोशी की हालत में ले गए थे जेपी अस्पताल
सूत्रों के मुताबिक 9 नंवबर की रात 10 बजे को किशोरी को बेहोशी की हालत में जेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसकी मौत हो गई। जबकि उसके साथ हुई घटना 7 नवम्बर की है। सवाल यह है कि उसे तत्समय ही अस्पताल दाखिल क्यों नहीं किया गया। मौत के बाद भी प्रबंधन ने मामले को छुपाने का प्रयास किया। 

अफसरों के पास इन सवालों का जवाब नहीं
क्या चार फीट के पलंग से गिरने से गहरी चोट लग सकती है? 
कॉलर बोन फ्रेक्चर होने से क्या मौत हो सकती है? 
घटनाक्रम के बारे के अलग-अलग बयान क्यों? 
जब हालत गंभीर थी तो उसे 7 तारीख को ही अस्पताल क्यों नहीं ले गए? 
मौत पर एक दिन पर्दा डालने की वजह क्या है? 
मीडिया में मामला प्रकाश में आने के बाद पुलिस को सूचना क्यों दी गई? 
बीमार होने पर बाल कल्याण समिति के सदस्यों ने उसे भर्ती करने के निर्देश क्यों नहीं दिए?
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