इंदौर। इंदौर से चलने वाली सिटीलिंक ट्रेवल्स की एक लक्झरी बस को हाईजैक कर लिया गया। उसमें ड्रायवर समेत बस का स्टाफ भी था। बदमाशों ने सबको मुक्त करने के बदले 20 लाख रुपए की फिरौती मांगी लेकिन जब बस मालिक रकम लेकर पहुंचे तो बदमाश नहीं आए। पुलिस की मदद से बस व स्टाफ को मुक्त करा लिया गया। पुलिस ने आरोपियों को भी हिरासत में ले लिया है।
ट्रेवल्स संचालक नासिर खान ने बताया 7 तारीख को हमारे पूना स्थित ऑफिस में कुछ लोग पहुंचे और उन्होंने इंदौर के लिए एसी स्लीपर बस बुक की। जब बस रवाना हुई तो उसमें 10-12 लोग थे। उन्होंने कहा कि बाकी लोग अहमदनगर से सवार होंगे। बस जैसे ही अकोला से कुछ दूरी पर पहुंची तो उन्होंने बाथरूम जाने के बहाने बस को रूकवाया और इसके बाद दोनों ड्रायवरों और कंडक्टर के साथ मारपीट करते हुए उन्हें बस में बांध कर पटक दिया।
8 नंबवर के दिन सुबह मुझे फोन आया और कहा कि तुम्हारे दोनों ड्रायवर और कंडक्टर को हमने बंधक बना लिया है। अगर इन तीनों और बस को वापस पाना चाहते हो तो 20 लाख रूपए लेकर आ जाओं। मैंने उनसे कहा कि आप कुछ मत करिए मैं आ रहा हूं।
मैं 9 नवंबर को सुबह वहां पहुंचा और उस नंबर पर कॉल किया तो मुझे कहा कि हम तुमको दिन में कॉल करते है। मैं दिन भर उनका इंतजार करता रहा लेकिन फोन नहीं आया । 10 तारीख को मैं अपने पत्रकार मित्र की सहायता से आकोला पुलिस अधीक्षक से मिला। जिन्होंने क्राइम ब्रांच की सहायता से देर रात 3 बजे बस आरोपियों के कब्जे से मुक्त करवा ली।
गिरफ्तार 7 आरोपियों को शुक्रवार सुबह अकोला थाने पर लाया गया है। खान ने बताया कि आरोपी कंजर गिरोह है और रूपयों के लिए इस वारदात अंजाम देने की बात कह रहे है। आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।