मोदी को आदर्श मानने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति वादों से मुकर गए

नईदिल्ली। चुनाव के समय मोदी को अपना आदर्श बताने वाले अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चुनावी जीत के दो सप्ताह बाद अपने कई प्रमुख चुनावी वादों और बयानों पर यू-टर्न के संकेत दिए हैं। बता दें कि ट्रंप ने अमेरिका में मोदी के नारे की नकल करते हुए 'अबकी बार ट्रंप सरकार' नारा दिया था और जीत भी हासिल की थी। 

द न्यूयार्क टाइम्स के संवाददाताओं और संपादकों को दिए साक्षात्कार के दौरान ट्रंप ने इस बात के पर्याप्त संकेत दिए कि खुद को अपने कारोबार से दूर रखने, अपने शासन में परिवार के सदस्यों से जानकारी लेने और प्रेस के साथ संबंध के मामले में एक गैर-पारंपरिक राष्ट्रपति साबित होंगे। अखबार ने ट्रंप के साथ साक्षात्कार के बाद कहा कि ट्रंप ने आश्वासन दिए कि उनका इरादा कुछ क्षेत्रों में चरमपंथी रुख अपनाने का नहीं है। ट्रंप ने पिछले सप्ताहांत पर वाशिंगटन में एक श्वेत राष्ट्रवादी सम्मेलन को ‘पूरी तरह खारिज’ कर दिया था।

ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव में अपनी प्रतिद्वंद्वी हिलेरी क्लिंटन के कथित ईमेल स्कैंडल की जांच के लिए विशेष अभियोजक नियुक्त करने का वादा किया था। उन्होंने इस चुनावी वादे पर भी यू-टर्न ले लिया। ट्रंप ने कहा, मैं क्लिंटन परिवार को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहता। वाकई नहीं। वे पहले ही काफी कुछ झेल चुकी हैं और कई अन्य मायनों में पीड़ा उठा चुकी हैं। जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर उन्होंने कहा, मैं इस पर करीबी नजर रखे हुए हूं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय जलवायु समझौते को खारिज करने के वादे को दोहराने से इनकार कर दिया। ट्रंप ने कहा, मैं इसके प्रति खुली सोच रखता हूं। स्वच्छ हवा और साफ पानी बेहद अहम है। चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप ने कहा था कि अगर वे चुनाव जीत जाते हैं तो हिलेरी जेल में होंगी।

अब उन्हें उन समर्थकों की व्याकुलता का सामना करना पड़ रहा है, जिन्होंने इस संकल्प को जस का तस मान लिया था। पूर्व में ट्रंप ने जलवायु परिवर्तन को चीन द्वारा फैलाया गया एक ‘छलावा’ करार दिया था और यह संकल्प लिया था कि पिछले साल खतरनाक ग्लोबल वॉर्मिंग को सीमित करने के लिए मुश्किल से जो पेरिस समझौता किया गया था, वे उसे ‘रद्द’ कर देंगे। प्रताड़ना के मुद्दे पर नव निर्वाचित राष्ट्रपति ने कहा कि जनरल (सेवानिवृत्त) जेम्स मेटिस से मुलाकात के बाद उन्होंने अपना इरादा बदल लिया है। मेटिस को वे रक्षा मंत्री बनाने पर विचार कर रहे हैं। अपने फलते-फूलते रियल एस्टेट कारोबार से जुड़े सवालों पर ट्रंप ने कहा कि उनका कारोबार बेच देना बहुत मुश्किल होगा क्योंकि संपत्ति रियल एस्टेट से जुड़ी हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि वे अपने कारोबार को सरकार में अपने काम से अलग रखने के लिए ‘कुछ व्यवस्था’ करेंगे। 

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