मैं वित्तमंत्री होता तो इस्तीफा दे देता: चिदंबरम

नईदिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा कि अगर वह वित्त मंत्री होते और प्रधानमंत्री नोटबंदी पर जोर देते तो वह इस्तीफा दे देते। पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, 'अगर प्रधानमंत्री मुझसे कहते कि मुझे 1000 और 500 रुपये के नोट को अवैध घोषित करने का फैसला करना है, तो मै ऐसा नहीं करने के लिए कहता। फैसला नहीं लेता।' 

नोटबंदी पर सरकार पर निशाना साधते हुए चिदंबरम ने दावा किया कि यह कदम भ्रष्टाचार, जाली मुद्रा और काला बाजारी जैसे लक्ष्यों को पूरा नहीं करेगा जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है। हालांकि उन्होंने जोड़ा कि केवल थोड़े समय के लिए यह फायदा होगा कि शहरी इलाके में लोग डिजिटल लेन-देन की ओर बढ़ेंगे।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा कि अगर वह वित्त मंत्री होते और प्रधानमंत्री नोटबंदी पर जोर देते तो वह इस्तीफा दे देते। पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, 'अगर प्रधानमंत्री मुझसे कहते कि मुझे 1000 और 500 रुपये के नोट को अवैध घोषित करने का फैसला करना है, तो मै ऐसा नहीं करने के लिए कहता। फैसला नहीं लेता।' 

नोटबंदी पर सरकार पर निशाना साधते हुए चिदंबरम ने दावा किया कि यह कदम भ्रष्टाचार, जाली मुद्रा और काला बाजारी जैसे लक्ष्यों को पूरा नहीं करेगा जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है। हालांकि उन्होंने जोड़ा कि केवल थोड़े समय के लिए यह फायदा होगा कि शहरी इलाके में लोग डिजिटल लेन-देन की ओर बढ़ेंगे।

हर सरकार में भ्रष्टाचार
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चिदंबरम ने कहा, भ्रष्टाचार के मामले सभी सरकारों में रहे हैं और मैं उससे इनकार नहीं कर रहा हूं। यूपीए के 10 वर्ष के कार्यकाल में भ्रष्टाचार के मामले दर्ज हुए थे। कांग्रेस पहले भी सत्ता में रही थी, जब इंदिरा गांधी और जवाहर लाल नेहरू प्रधानमंत्री थे। उन्होंने कहा, तत्कालीन सरकार, फिर चाहे वह कांग्रेस हो या कोई और पार्टी मुझे कांग्रेस पार्टी का उदाहरण लेने दें। 

कांग्रेस पार्टी और पार्टी के मंत्री भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए पर्याप्त रूप से सतर्क नहीं थे। जिसने भी भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया, उसे सजा दें। किसी ने ऐसा नहीं कहा कि आप कांग्रेस के मंत्री को सजा इसलिए नहीं दें क्योंकि वह कांग्रेस का नेता है।

महाराष्ट्र से राज्यसभा सदस्य चिदंबरम ने कहा कि ऐसा दिख सकता है कि कांग्रेस कमजोर पड़ गयी है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि वह फिर खड़ी नहीं हो सकती। चिदंबरम ने कहा कि भ्रष्टाचार सबसे निचले स्तर पर है। उन्होंने उदाहरण दिया जहां सरकारी कर्मचारी रिश्वत में 2000 रूपए के नोट लेते हुए गिरफ्तार किए गए हैं।
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