भोपाल | विश्व के सबसे बड़े मुस्लिम धर्म सम्मेलन में पाकिस्तान को बुलाया ही नहीं

भोपाल। बैरसिया रोड, ईंटखेड़ी स्थित घासीपुरा में 69वें आलमी तब्लीगी इज्तिमा की इब्तिदा शनिवार सुबह 6.15 बजे फजिर की नमाज के साथ हो गई। इसके तत्काल बाद उल्माओं के बयान होंगे, जो लोगों को कुरान-ए-पाक की रोशनी में मजहबी संदेश देंगे। तीन दिवसीय इज्तिमा में देश-विदेश से आए मुस्लिम समुदाय के लाखों लोग शामिल हो रहे हैं।

सोमवार को दुआ के साथ इज्तिमा का समापन होगा। इस मजहबी समागम के एक दिन पूर्व शुक्रवार की शाम तक ही एक लाख से अधिक लोग इज्तिमा स्थल पर पहुंच चुके थे। जमा होने के कारण यहां बड़ी तादात में उपस्थित लोगों ने नमाज अदा की। इसके बाद यहां चल रही तैयारियों में भी हाथ बंटाया। भोपाल टाकीज चौराहा से लेकर इज्तिमा स्थल तक के मार्ग पर सैकड़ों वालिटंयर्स ने यातायात व्यवस्था की कमान संभाल ली थी।

पांच सौ से अधिक जमातें आ चुकी हैं
इंतजामिया कमेटी के प्रवक्ता मो. अतीक-उल-इस्लाम के अनुसार पहले दिन फजिर की नमाज के बाद पहला बयान दिल्ली के मौलाना जमशेख मोहम्मद का बयान होगा। दिल्ली मरकज समेत मुंबई, अलीगढ़, लखनऊ, अहमदाबाद आदि स्थानों से कई उलेमा आ चुके हैं। अब तक पांच सौ से अधिक जमातें आ चुकी हैं।

सीरिया की जमात आई नहीं, पाक को बुलाते ही नहीं हैं
उन्होंने बताया कि अमेरिका, रूस, आस्ट्रेलिया, तंजानिया, कनाडा, श्रीलंका, मलेशिया आदि देशों समेत ईरान और बांग्लादेश की एक-एक जमातें आई हैं। सीरिया से कोई जमात इज्तिमा में शामिल होने नहीं आई है। जानकार इसकी वजह सीरिया में आईएसआई की वहां चल रही आतंकवादी गतिविधियां बता रहे हैं। उनका कहना है कि सीरिया के लोग इसी वजह से यहां नहीं आ सके। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की जमात अथवा वहां के किसी भी मौलाना आदि को भोपाल के इज्तिमा में जब से इज्तिमा शुरू हुआ है, कभी भी नहीं बुलाया गया। इज्तिमा का यह 69वां साल है। इसकी शुरूआत 14 लोगों ने की थी। इसका इन सालों में इतना विस्तार हुआ कि अब तीन दिन में दस लाख से अधिक लोग इसमें आते हैं।

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